सुप्रीम कोर्ट आज महाराष्ट्र के मामले में अगली सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट आज उद्धव और शिंदे गुट की याचिकाओं को विचार करने के लिए संविधान पीठ को भेजे जाने के मुद्दे पर फैसला सुना सकता है। दरअसल, पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि इस मामले में पांच जजों की संविधान पीठ गठित की जा सकती है।
बता दें कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका दायर की है। इसके अलावा राज्यपाल द्वारा शिंदे को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने को भी चुनौती दी गई है। शिंदे और उद्धव गुट ने चुनाव चिन्ह धनुष-बाण पर दावा करते हुए भी चुनाव आयोग के सामने आवेदन कर रखा है।
उद्धव गुट को राहत
शिवसेना पर दावे को लेकर पिछली सुनवाई में अदालत ने उद्धव गुट को राहत दी थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह फिलहाल एकनाथ शिंदे गुट की असली शिव सेना का दावा करते हुए पार्टी चुनाव चिह्न मांगने वाली अर्जी पर कोई कार्रवाई न करे। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एनवी रमणा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मामले पर सुनवाई की। उद्धव गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से चुनाव आयोग के समक्ष लंबित शिंदे गुट की अर्जी पर किसी भी तरह की कार्रवाई को रोकने की मांग की। उद्धव गुट ने अलग से एक अर्जी दाखिल कर शिंदे गुट की ओर से चुनाव आयोग से असली शिव सेना होने का दावा करते हुए मान्यता और पार्टी चुनाव चिह्न मांगने वाली अर्जी पर भी किसी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है।
शिंदे गुट की दलील
पिछली सुनवाई में शिंदे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष लंबित शिंदे गुट की अर्जी का इस मुख्य मामले से कोई लेना देना नहीं है। कोर्ट को चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक नहीं लगानी चाहिए। साल्वे ने कहा कि चाहे वे लोग अयोग्य ठहराए जाएं या न ठहराए जाएं दोनों ही स्थितियों में वे अगले चुनाव में जाने के लिए चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए मान्यता की मांग चुनाव आयोग से कर सकते हैं। चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक नहीं लगानी चाहिए।