झारखंड के बोकारो में एक युवक ने कंपनी द्वारा नौकरी से हटाए जाने के विरोध में ट्रेन रोक दी. वह खुद को वापस नौकरी में रखने की मांग कर रहा था. उसने ट्रैक पर लाल झंडा लगाकर जिस ट्रेन को रोका, वह मालगाड़ी थी. बाद में पुलिस ने झंडा हटाया तो मालगाड़ी गंतव्य के लिए रवाना हुई. यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.
नामी कंपनी में करता था काम
मामला बोकारो जिले के ललपनिया स्थित टीटीपीएस (तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन) से संबंधित है. बताया गया कि इसी जिले के तुलबुल गांव का रहने वाला रंजीत कुमार टीटीपीएस में आउटसोसिर्ंग के आधार पर काम करने वाली कोडेक कंपनी में काम करता था.
कंपनी ने दो माह पहले उसे नौकरी से हटा दिया. रंजीत इससे निराश था. उसने वापस नौकरी पर रखने की मांग कंपनी के अधिकारियों से की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी. इसपर उसने कंपनी को बीते 13 दिसंबर को लिखित तौर पर सूचना दी थी कि वह अपनी मांग को लेकर आमरण अनशन करेगा.
बुधवार को उसने अपने गांव के पास बोकारो नदी पर स्थित रेलवे ओवरब्रिज के पास रेलवे ट्रैक पर लाल झंडा लगा दिया. इसकी वजह से टीटीपीएस में कोयला अनलोड कर डुमरी बिहार स्टेशन लौट रही मालगाड़ी लगभग 45 मिनट तक ट्रैक पर रुकी रही. इसकी जानकारी मिलने पर रेलवे पुलिस और स्थानीय पुलिस सक्रिय हुई. पुलिस ने टीटीपीएस प्रबंधन से बात करने के बाद ट्रैक से झंडा हटाया, तब इसपर ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ. इस रेलवे ट्रैक का उपयोग मुख्य रूप से कोयला ट्रांसपोटिर्ंग के लिए होता है.