महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिवसेना के बागी विधायक पार्टी तोड़ना चाहते हैं. जैसा कि स्पष्ट है कि एकनाथ शिंदे शिवसेना पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाह रहे हैं. दावा है कि शिंदे गुट के पास 50 से ज्यादा विधायक हैं.
इस रस्साकशी के बीच ठाकरे ने आज पार्टी के जिला प्रमुखों की एक बैठक बुलाई, जहां उन्होंने कहा कि उन्होंने वर्षा बंगला छोड़ दिया, लेकिन 'लड़ने की इच्छा' नहीं छोड़ी है. शिवसेना प्रमुख ने अपने वर्चुअल संबोधन के दौरान कहा, 'मैंने पहले भी कहा है कि मेरा सत्ता से कोई लेना-देना नहीं है. जो लोग कहते थे कि वे शिवसेना छोड़ने के बजाय मर जाएंगे, वे आज भाग गए हैं.'
उन्होंने कहा, 'बागी विधायक पार्टी तोड़ना चाहते हैं. मैंने सपने में कभी नहीं सोचा था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा. मैंने वर्षा बंगला छोड़ा है लेकिन लड़ने की इच्छा नहीं छोड़ी है.' ठाकरे ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बागी नेता के लिए सब कुछ किया और फिर भी उन पर कई आरोप लगे हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने बुधवार रात मुख्यमंत्री का सरकारी आवास खाली कर अपने परिवार के साथ अपने पारिवारिक आवास 'मातोश्री' में रहने चले गए थे. उन्होंने कहा, 'मैंने एकनाथ शिंदे के लिए सब कुछ किया. मैंने उन्हें वह विभाग दिया जो मेरे पास था. उनका अपना बेटा एक सांसद है और मेरे बेटे के बारे में टिप्पणियां की जा रही हैं. मेरे खिलाफ बहुत सारे आरोप लगाए गए हैं.'
उद्धव ठाकरे ने कहा, 'अगर उनमें हिम्मत है तो उन्हें बाला साहेब और शिवसेना का नाम लिए बिना लोगों के बीच जाना चाहिए.' पिछले साल सर्वाइकल स्पाइन की सर्जरी कराने वाले ठाकरे ने कहा, 'मेरी गर्दन और सिर में दर्द था, मैं ठीक से काम नहीं कर पा रहा था, मैं अपनी आंखें नहीं खोल सका लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं थी. शिवाजी महाराज हार गए लेकिन लोग हमेशा उनके साथ थे.'