महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल जारी है और सियासी तस्वीर लगातार बदल रही है. उद्धव ठाकरे सरकार बचाने की कवायद भी जारी है. महाविकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की बैठकों का दौर जारी है, लेकिन शिवसेना के सामने दोहरी मुश्किल खड़ी है. शिवसेना के सामने सरकार बचाने के साथ-साथ पार्टी का अस्तित्व बचाने का भी चैलेंज है.
गुवाहाटी में बैठे बागी विधायक बार-बार कह रहे हैं कि असली शिवसेना वही हैं. इसके बावजूद पार्टी सांसद संजय राउत को भरोसा है कि 20-25 विधायक उनके साथ आएंगे. इस बीच संजय राउत का 'पुष्पा' वाला अंदाज नजर आया और वो कहते दिखे कि पार्टी झुकेगी नहीं और ना ही डरेगी.
बागी विधायक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर अब तक हिंदुत्व को लेकर बार-बार वार करते रहे हैं. खुद को घिरता देखकर शिवसेना ने अब हिंदुत्व कार्ड चला है. अब औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने की तैयारी है. इसे लेकर महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में मांग की गई. आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में भी इस पर चर्चा की जाएगी.
औरंगाबाद महानगरपालिका के चुनाव अगले कुछ महीनों में होने हैं. ऐसे में नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और एनसीपी का रुख देखना भी अहम होगा. बागी विधायक बार-बार महाअघाड़ी में शामिल एनसीपी और कांग्रेस पर सवाल उठाते रहे हैं. उद्धव ठाकरे से कहते रहे हैं कि अघाड़ी के सहयोगियों को छोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाएं.
अब एनसीपी नेता सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने बागी विधायकों को संदेश देते हुए कहा है कि सत्ता आती जाती रहती है, लेकिन रिश्ते बने रहने चाहिए. फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रिया सुले का कहना है कि अगर बातचीत नहीं होगी हल कैसे निकलेगा. उन्होंने कहा कि वो कोई ज्योतिष नहीं हैं और उन्हें नहीं पता कि क्या होगा?