दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने इंडियन पीपुल्स फ्रंट (माले) के एक नक्सली नेता को गिरफ्तार किया है. वह नेता दुनिया की नजरों में मर चुका था. लेकिन दिल्ली के पास फरीदाबाद में अपनी लाइफ जी रहा था.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि कई दिनों से पुलिस टीम को नक्सली नेता के सक्रिय होने की जानकारी मिल रही थी. इसके बाद एसीपी अभिनेन्द्र जैन के नेतृव में इंस्पेक्टर एनके लंबा की टीम ने ट्रैप लगाया और आरोपी किशुन पंडित (Kishun Pandit) को दिल्ली के पुल प्रहलादपुर से गिरफ्तार कर लिया. जब आरोपी को गिरफ्तार किया गया तो उसने पुलिस को बरगलाने के लिए अपना फर्जी पहचान पत्र दिखाया और खुद को सोलेन्द्र पंडित बताने लगा. पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया.
आरोपी नक्सली नेता किशुन पंडित (Kishun Pandit) ने पुलिस को जो कहानी बताई, वह पूरी तरह फिल्मी थी. किशुन पंडित के अनुसार, 1996 में उसके सीनियर नक्सली नेता देविंदर सिंह की अज्ञात लोगों ने बिहार के पुनपुन इलाके में हत्या कर दी थी तो पुलिस देविंदर सिंह का शव अपने साथ ले गई थी. ये बात किशुन पंडित को नागवार गुजरी और उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पुलिस पार्टी पर हमला बोला दिया. इसके हमले के बाद नक्सली अपने कमांडर के शव को साथ ले गए थे.
इस अटैक में पुलिस के एक जवान की मौत हो गई थी और 3 घायल हुए थे. हमलावर जाते-जाते पुलिस की राइफल और 40 कारतूस भी अपने साथ लूट ले गए थे. इस मामले के बाद बिहार पुलिस में हड़कंप मच गया था. पुलिस ने इस मामले में 31 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था हालांकि नक्सली नेता किशुन पंडित समेत 4 आरोपी फरार चल रहे थे. उसके बाद से अब जाकर आरोपी किशुन पंडित दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में आया है.
सूत्रों से पता चला है कि आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए योजना बनाई थी. इसने अपने परिवार के साथ मिलकर खुद की मौत की साजिश रची. बिहार में एक रेल दुर्घटना के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी. जिसमे एक शव को परिवार ने किशुन पंडित (Kishun Pandit) की बॉडी बताया और उसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया. इसके बाद किशुन पंडित फरीदाबाद में आकर रहने लगा.