रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए एक रुपये के छोटे सिक्के को लेकर चन्दौसी में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। कोई इन्हें नकली सिक्के बता कर लेने से इन्कार कर रहा है तो कोई इन्हें चलन से बाहर होने की बात कहकर नहीं ले रहा है। अब ऐसे में लोगों के मन में भी एक रुपये के सिक्के को लेकर शंका पैदा हो गई है और सिक्के चलाने को परेशान हैं। शिकायत के बाद भी अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने बाजार में एक रुपये के दो तरह के सिक्के चलन में दिए हुए हैं। जिसमें से एक सिक्का साइज में थोड़ा छोटा है जिसके बारे में बाजार में यह भ्रांति फैली हुई है कि यह सिक्का चलन से बाहर हो चुका है। वहीं कुछ लोग इसे नकली भी बता रहे हैं। जिसके कारण छोटे व बड़े दुकानदार इसे लेने से साफ इन्कार कर देते हैं। जिसकी वजह से लोगों के पास रखे हुए सिक्के अब शोपीस बन गए हैं।
समय-समय पर बैंक और सरकार यह घोषणा करती रही है कि बाजार में एक के सिक्के नकली नहीं है और अगर फिर भी कोई दुकानदार सिक्के लेने से इन्कार करता है तो उसकी शिकायत करें। लेकिन ग्राहक इसे छोटी बात मानकर शिकायत नहीं करते और व्यापारी इस बात को लेकर मनमानी करते हुए लेने से इन्कार कर देते हैं।
दुकानदार भले ही एक रुपये का छोटा सिक्का लेने से मना कर देते हैं लेकिन यह सिक्के शादी में शगुन के लिफाफे बनाने वाले आसानी से ले लेते हैं और लिफाफे में लगाने के बाद वह लिफाफा तीन से दस रुपये तक ग्राहक को बेच देते हैंं।
में जो सिक्के मौजूद हैं उसको लेकर यह भ्रम बना हुआ है कि ये सिक्के नकली हैं और चलन से भी बाहर हो चुके हैं जबकि सत्यता इससे विपरीत है। व्यापारी ग्राहक को यह सिक्का नकली बताकर लेने से इन्कार कर रहे हैं जबकि इसको लेकर सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि जो भी दुकानदार ये सिक्के लेने से इन्कार करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन उसके बावजूद भी दुकानदारों में कार्रवाई का कोई डर दिखाई नहीं