शिवसेना के एक सांसद द्वारा पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की घोषणा का आग्रह करने के बाद, पार्टी के एक बागी विधायक ने दावा किया कि 18 सांसदों में से 12 जल्दी ही एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो जायेंगे.
जलगांव जिले में अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत करते हुये विधायक गुलाब राव पाटिल ने कहा कि शिंदे गुट पार्टी का गौरव बहाल करेगा. पाटिल पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे (बागी गुट) पास 55 में से 40 विधायक हैं और 18 में से 12 सांसद हमारे साथ आ रहे हैं . फिर पार्टी किसकी हुई ? मैंने चार सांसदों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है. हमारे साथ 22 पूर्व विधायक भी हैं.’’
शिवसेना के लोकसभा सदस्य राहुल शेवाले ने मंगलवार को उद्धव ठाकरे से आग्रह किया कि वह पार्टी के सांसदों से राष्ट्रपति पद की राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिये कहें क्योंकि मुर्मू आदिवासी हैं और समाज में उनका महती योगदान है. उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के विश्वस्तों ने अपने अपने समूह के असली शिवसेना होने का दावा किया है.
शिवसेना के 55 में से 40 विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ हैं. पाटिल ने कहा कि उन्होंने सत्ता के लिए पार्टी नहीं छो़ड़ी बल्कि ‘‘सत्ता छोड़ी है जबकि हम मंत्री थे.’’ उन्होंने कहा ‘‘एक नहीं, बल्कि आठ मंत्रियों ने पार्टी छोड़ी, इसका मतलब है कि हम हमारी शिवसेना को बचाना चाहते हैं.’’
बता दें कि महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के आने के बाद उद्धव ठाकरे बागी विधायकों के निशाने पर हैं. महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले से शिवसेना के बागी विधायक ने आरोप लगाया कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को घेरे रहने वाले चार लोगों की ‘‘ मंडली’’ की वजह से बगावत हुई.
वैजापुर के विधायक रमेश बोरनारे ने कहा, ‘‘शिंदे के मुख्यमंत्री बनने से शिव सैनिक खुश हैं.’’ उन्होंने बिना नाम लिए कहा, ‘‘ उल्लेखनीय रूप से 50 विधायक साथ छोड़ शिंदे के पक्ष में आ गए, लेकिन मैं इस स्थिति के लिए उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार नहीं मानता. इसके लिए उनके चारों ओर मौजूद चार लोगों की मंडली जिम्मेदार है.’’