महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चौंका देना वाला कदम उठाया है. एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच ठाकरे ने अपना आधिकारिक आवास छोड़ दिया है. इस घटनाक्रम ने राज्य में सरकार की स्थिरता पर सवालिठाकरे परिवार ने खाली किया सरकारी आवासया निशान लगा दिया है. ठाकरे 'वर्षा' छोड़कर बांद्रा में स्थित अपने निजी आवास 'मातोश्री' में शिफ्ट हो चुके हैं. एक वीडियो में मुख्यमंत्री आवास से कर्मचारी को पैक बैग ले जाते हुए दिखाया गया है. इससे पहले आज बुधवार को उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह कभी भी मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के लिए तैयार हैं.
उद्धव ठाकरे के सरकारी आवास छोड़ते वक्त पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और सीएम पर फूलों की बौछार की. वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने आधिकारिक घर से रात करीब साढ़े नौ बजे निकले. इससे पहले उनके निजी सामान से भरे बैग कारों में लोड होते देखे गए थे.
उद्धव ठाकरे के साथ उनके बेटे और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे अपनी मां रश्मि ठाकरे और भाई तेजस ठाकरे के साथ मुंबई में अपने आधिकारिक आवास से रवाना हुए. इससे पहले आज एक फेसबुक लाइव में महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट पर उद्धव ठाकरे की पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया देखने को मिली. ठाकरे ने कहा कि अगर मेरे अपने लोग मुझे मुख्यमंत्री के रूप में नहीं चाहते हैं, तो उन्हें मेरे पास आना चाहिए और कहना चाहिए... मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं... मैं बालासाहेब का बेटा हूं, मैं किसी पद के पीछे नहीं हूं... यदि आप चाहते हैं कि मैं इस्तीफा दे दूं, तो मैं इस्तीफा देकर अपना सारा सामान मातोश्री ले जाऊंगा.
इसके साथ ही उन्होंने सवाल भी किया था कि.. मैं पद छोड़ने को तैयार हूं, लेकिन क्या आप मुझसे वादा कर सकते हैं कि अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा? इसे एकनाथ शिंदे के लिए सीधी चुनौती माना गया, जो अपने गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में पेश कर रहे हैं और बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा का हवाला दे रहे हैं.
1.मैंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने इस्तीफे का पत्र तैयार रखा है; इसी क्षण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं.
2.अगर असंतुष्ट विधायकों में से एक भी कहता है कि वह मुझे मुख्यमंत्री नहीं चाहता तो मुख्यमंत्री पद छोड़ दूंगा और सरकारी आवास छोड़ दूंगा.
3.शरद पवार और कमलनाथ ने मुझे फोन करके कहा कि वे चाहते हैं कि मैं मुख्यमंत्री बना रहूं.
4.एकनाथ शिंदे के साथ गए विधायकों के फोन आ रहे हैं. उनका दावा है कि उन्हें जबरन ले जाया गया.
5.शिवसेना को हिंदुत्व से अलग नहीं किया जा सकता है.