कर्नाटक में लिंगायत संप्रदाय के एक संत ने सोमवार को कंचुगल बंदे मठ में सोमवार को आत्महत्या कर ली. वह कमरे की खिड़की की ग्रिल से लटके पाए गए. 45 साल के बसवलिंग स्वामी कर्नाटक के रामनगर जिले में स्थित कंचुगल बंदे मठ के प्रमुख भी थे. पुलिस अब उनकी मौत की जांच में जुट गई है. उनके पिछले कुछ फोन कॉल्स खंगाली जा रही है. पुलिस ने बताया कि उन्होंने दो पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनको प्रताड़ित कर रहे थे और उनको प्रमुख के पद से हटाना चाहते थे.
400 साल पुराना है मठ
बसवलिंग स्वामी 25 वर्षों से 400 साल पुराने इस मठ के प्रमुख थे. कुदुर थाने में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके कुछ शिष्यों ने सुबह 6 बजे उन्हें फंदे से लटका हुआ पाया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ लोग कुछ मुद्दों को लेकर संत को ब्लैकमेल कर रहे थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
फंदे से लटका मिला शव
शिकायत दर्ज कराने वाले बंदे मठ स्कूल के शिक्षक रमेश ने पुलिस को बताया कि वह रविवार शाम 5 बजे घर के लिए निकलने से पहले संत से मिला था. उन्हें लगभग 6.10 बजे एक मठ कर्मचारी का फोन आया कि वह अपना कमरा नहीं खोल रहे हैं और कॉल भी नहीं लग रहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि रमेश कमरे के पीछे गया और खिड़की की ग्रिल से स्वामी को लटका पाया.
पिछले महीने, बेलगावी जिले के बैलाहोंगला तालुक के नेगीनाहला गांव में श्री गुरु मदीवालेश्वर मठ के पुजारी बसवसिद्दलिंग स्वामी ने आत्महत्या कर ली थी. सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद मौत हुई, जिसमें कहा गया था कि संत अपने पदों का दुरुपयोग कर रहे थे.