समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर विधायक आजम खान की की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है. यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया. इसके बाद अब उनकी विधानसभा सीट रामपुर में उपचुनाव कराए जाएंगे. हालही में उन्हें हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उन पर छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
हेट स्पीच मामले में तीन साल की मिली सजा
हेट स्पीच मामले में दोषी पाए जाने और सजा का ऐलान होने के बाद से माना जा रहा था कि उनकी विधानसभा की सदस्यता पर संकट है. हालांकि उन्हें कोर्ट ने सजा देने के साथ ही जमानत भी दे दी थी. लेकिन अब उन्हें विधानसभा से बड़ा झटका मिला है. दो साल से ज्यादा की सजा मिलने की वजह से उनकी विधानसभा सदस्यता भी खत्म कर दी गई. विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय ने इसकी जानकारी दी.
कोर्ट के फैसले पर कही ये बात
कोर्ट के आदेश के अनुसार आजम खां को आइपीसी की धारा 153 ए, धारा 505 (1) और लोक प्रतिनिधित्व की धारा 125 के अंतर्गत तीन-तीन साल की सजा हुई. साथ ही दो-दो हजार रुपये जुर्माना डाला गया है. जुर्माना अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा. सजा मिलने के बाद आजम खान की पहली प्रतिक्रिया सामने आई. सत्र न्यायालय से जमानत मिलने के बाद आजम खान ने कहा कि कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे. इसको लेकर वकीलों के साथ बात की जाएगी.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम खान रामपुर संसदीय सीट से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे. उन्होंने अप्रैल 2019 में अपने चुनाव प्रचार के दौरान मिलक कोतवाली क्षेत्र के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया था. आरोप था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह को लेकर भड़काऊ भाषण दिया था. आजम खान के भाषण का वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले में वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से मामले की रिपोर्ट मिलक कोतवाली में दर्ज कराई गई थी.