2002 के गोधरा साबरमती एक्सप्रेस नरसंहार मामले के मुख्य आरोपी रफीक भटुक का दोष सिद्ध होने पर शनिवार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. घटना के लगभग 19 साल बाद फरवरी 2021 में भटुक को गोधरा से पकड़ा गया था. भटुक कथित तौर पर 27 फरवरी 2002 को हुए नरसंहार मामले में मुख्य आरोपियों में से एक था. उस दिन साबरमती एक्सप्रेस से 59 कारसेवक अयोध्या से लौट रहे थे. उस वक्त ट्रेन के एस -6 कोच में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई थी. इस हृदय विदारक घटना में सभी कारसेवकों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस नरसंहार ने राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़का दिए थे.
गोधरा में सत्र न्यायाधीश एचपी मेहता की विशेष अदालत ने शनिवार को भटुक को दोषी करार दिया. विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने बताया कि भटुक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में दोषी ठहराए जाने वाला 35वां आरोपी हैं. मार्च 2011 में विशेष अदालत ने 31 आरोपियों को दोषी ठहराया था. इसके बाद 2018 में दो और 2019 में एक को दोषी करार दिया गया.
पंचमहल पुलिस और गोधरा शहर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने पिछले साल फरवरी में शहर के सिग्नल फलिया इलाके से भटुक को गिरफ्तार किया था. वह शहर में जीविकोपार्जन के लिए फल बेचता था. इस मामले में नामजद होने के बाद भटुक गोधरा से फरार हो गया था. भागते-भागते वह दिल्ली समेत अन्य जगहों पर गया. घटना के वक्त वह गोधरा के मोहम्मदी मोहल्ले में रहता था, लेकिन बाद में सिग्नल फलिया में शिफ्ट हो गया था