हरियाणा के अंबाला में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। एक साथ एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई है। इसमें दो बच्ची भी शामिल हैं। एक बच्ची का जन्मदिन भी था। जन्मदिन की सभी तैयारी घर पर हो चुकी थी।
अंबाला-हिसार हाईवे पर स्थित गांव बलाना में 34 वर्षीय सुखविंद्र सिंह ने शुक्रवार सुबह अपने माता-पिता, पत्नी और दो मासूम बेटियों की जहर देकर हत्या कर दी। इसके बाद वह खुद भी फंदे पर लटक गया।
8 वर्षीय बेटी जसनूर व 8 वर्षीय असरित के गले पर निशान भी मिले हैं। छोटी बच्ची एलकेजी और बड़ी तीसरी कक्षा में पढ़ती थी। असरित का शुक्रवार को जन्मदिन भी था। गले पर मिले निशानों और घर से मिले नीले रंग के पट्टे से अंदाजा लगाया जा रहा है दोनों का गला भी घोंटा गया हो। सुखविंद्र सिंह की 32 वर्षीय पत्नी रानी की जीभ बाहर निकली हुई थी। उससे भी यही अंदाजा लगाया जा रहा है या तो उसका भी गला दबाया गया हो।
माता 62 वर्षीय महिंद्रो कौर और पिता 65 वर्षीय संतराम के गले पर कोई निशान नहीं मिले। महिंद्रो कौर के नाक व मुंह से खून भी निकला हुआ था। सुखविंद्र सिंह की जेब से सुसाइड नोट भी मिला है। इसी सुसाइड नोट के आधार पर सदर थाना पुलिस ने यमुनानगर के साई होंडा कंपनी के मालिक कवि नरुला और इफको टोकिया फाइनेंस के अधिकारी बालकिशन ठाकुर पर हत्या व आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।
सुखविंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा था कि यह दोनों उससे 10 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। न देने पर नौकरी से निकालने और उसके परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचा देगा। साथ ही लिखा है कि मेरी व मेरे पिता की प्रापर्टी व मेरी और मेरी पत्नी के बैंक खातों में पड़ा रुपया मेरे दोनों भांजों मोहित और कर्णदीप में बराबर हिस्सों में बांट दिया जाए। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद बिसरा मधुबन भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में केवल सुखविंद्र सिंह के फांसी पर लटकने से मौत की पुष्टि की गई है। शेष के मौत के कारणों का खुलासा बिसरा रिपोर्ट में ही किया जाएगा।
दरअसल सुखविंद्र सिंह की बेटी असरित का शुक्रवार को जन्मदिन था। इसीलिए उसकी बुआ नीतू बधाई देने के लिए अपने माता-पिता व भाभी को सुबह फोन मिला रही थी। तीनों को फोन मिलने के बाद उसने अपने भाई सुखविंद्र को भी फोन किया लेकिन किसी ने भी उत्तर नहीं दिया। इस पर उसने अपने जीजा सतीश को भी यह बात बताई। साथ ही उसने बलाना में ही अपने घर के साथ रहने वाले चाचा नरेश को फोन कर यह बात कही। नरेश ने फोन आने के बाद दरवाजा खटखटाया लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। नरेश ने यह बात पड़ोसी दिलबाग को बताई और दिलबाग छत पर से घर में गया तो पूरी घटना से पर्दा उठा। सुखविंद्र सिंह फंदे पर लटका हुआ था जबकि उसकी दोनों बेटियां बेड पर मृत पड़ी थी। बेड के साथ दूसरी चारपाई पर मृत पड़ी थी। जबकि संतराम और उसकी पत्नी दूसरे कमरे में अलग-अलग चारपाई पर मृत पड़े थे।
आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए अंबाला सीआइए-1 की टीम ने साई होंडा सहित कई अन्य ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के कारण साई होंडा में एजेंसी में सन्नाटा पसरा हुआ था। हालांकि आरोपितों की गिरफ्तारी की पुलिस ने समाचार लिखे जाने तक पुष्टि नहीं की थी।