क्या महानगर के गार्डेनरीच क्षेत्र में एक ट्रांसपोर्टर के घर से बरामद नोटों के पहाड़ से 'प्रभावशाली' का संबंध है? पार्थ चटर्जी की 'करीबी' अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट कुछ इसी तरह से नोटों का पहाड़ मिला था। अब गार्डेनरीच में नोटों का पहाड़ मिलने के बाद से यह अटकलें फिर शुरू हो गई हैं।
14 घंटे के छापे में अब तक 17.32 करोड़ और सोना मिले
मालूम हो कि गार्डेनरीचईडी के उस घर में14 घंटे के छापे में 17.32 करोड़ रुपये और कुछ सोना मिले हैं। 10 ट्रंकों में रुपये भरकर रात करीब 11.20 बजे ईडी टीम गार्डेनरीच से निकल गई। एसबीआइ के लोकल हेड आफिस के चेस्ट में इन ट्रंकों को रखा गया है। ईडी अधिकारियों ने कई दस्तावेज, लैपटाप और मोबाइल फोन जब्त किए हैं। आशंका जताई जा रही है कि इतनी मोटी रकम मोबाइल गेम ऐप के जरिए ठगी नहीं की जा सकती है। इसके तार हवाला रैकेट से भी जुड़े हो सकते हैं। जांच एजेंसी ईडी के मुताबिक राशि बढ़ सकती है। आठ नोट गिननेवाली मशीन से ट्रांसपोर्टर निसार अहमद खान और आमिर खान के घर में नोटों की गिनती हुई। स्टेट बैंक आफ इंडिया के अधिकारी भी पहुंचे हुए थे।
महानगर और राज्य के निवासी अब यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि इतनी बड़ी राशि का असली मालिक कौन है, इसका स्रोत क्या है और सबसे बड़ा सवाल - क्या इसमें भी कोई प्रभावशाली व्यक्ति शामिल है? क्योंकि जिस आमिर खान के खिलाफ 15 फरवरी 2021 को पार्क स्ट्रीट थाने में विभिन्न आपराधिक धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन पुलिस की हिम्मत नहीं हुई उसपर हाथ डालने की।
ईडी को थी सटीक जानकारी
वहीं अटकलें लग रही है कि व्यापारी के घर की प्रथम मंजिल पर पलंग के नीचे इतनी मोटी रकम है इसकी सटीक जानकारी आखिर ईडी को कैसे मिली? केंद्रीय जांच एजेंसी के एक पूर्व अधिकारी के शब्दों में बिना किसी विशेष सूचना के इतनी गहनता से कहीं भी छापेमारी या तलाशी लेना संभव नहीं है। यह अभियान विशिष्ट इनपुट पर आधारित है। चाहे वह पार्थ चटर्जी की प्रेमिका का घर हो या इस गार्डनरीच में व्यवसायी का घर, कहीं भी पैसा खोजने के लिए दीवारों को तोड़ने या कोई अतिरिक्त काम करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरी सटीक सूचना ईडी को थी।
पूर्व अधिकारी ने कहा कि यह समझा जाता है कि पैसा हाल ही में लाया और रखा गया था। हो सकता है, पैसे लाकर शुक्रवार की रात बिस्तर के नीचे रख दिए गए हों। या गुरुवार को। पैसा ट्रांसफर होने से पहले खबर चली गई। क्योंकि कोई भी अपने घर में ज्यादा समय के लिए इतना पैसा नहीं रखेगा। यह सामान्य नहीं है। नतीजतन, यह मान लेना चाहिए कि उस घर में लंबे समय से पैसा नहीं रखा गया है। इस मामले में तुरंत जांच एजेंसी को सूचना भेजी गई थी।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू
ईडी ने शनिवार को कोलकाता में कुल छह जगहों पर तलाशी अभियान शुरू किया था। इसके बाद गार्डेनरीच इलाके में व्यापारी के बिस्तर के नीचे प्लास्टिक में लिपटे 500 और 2000 रुपये के नोटों के बंडल मिले। आमिर खान नाम का वह व्यक्ति इस बात का कोई जवाब नहीं दे सका कि उन्हें करोड़ों रुपये कहां से मिले, बंडल उनके बिस्तर के नीचे कैसे आ गया? जैसी उम्मीद थी, इतनी बड़ी रकम बरामदगी की घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। विपक्ष ने तृणमूल कांग्रेस पर सवाल खड़ा कर दिया है। वहीं सत्ताधारी तृणमूल का आरोप है कि भाजपा ने केंद्रीय एजेंसी के जरिए न सिर्फ बंगाल के नेताओं और मंत्रियों को बल्कि कारोबारियों को भी 'टारगेट' किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि भ्रष्टाचार भी करेंगे और कार्रवाई होगी तो शोर भी मचाएंगे। पुलिस में प्रथामिकी होने के बावजूद अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई थी।
राज्य के विभिन्न इलाकों से कैश जब्त होने के मामले
हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न इलाकों से कैश जब्त होने के मामले सामने आए हैं। पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता के दो फ्लैटों से करीब 55 करोड़ रुपये व सोने बरामद होने की तस्वीर लोगों ने देखा था। इसके बाद राज्य पुलिस ने झारखंड के तीन विधायकों की कारों की तलाशी के बाद लाखों रुपये पकड़े। फिर हलीशहर नगर पालिका के चेयरमैन व तृणमूल नेता राजू साहनी के घर से करीब 80 लाख रुपये बरामद हुए। जिनके घर या हिरासत में बड़ी रकम बरामद हुई है, वे खुद सीधे तौर पर राजनीति में शामिल हैं या नेता और मंत्री के करीबी है। लेकिन गार्डेनरीच के परिवहन व्यवसायी का किसी राजनीतिक संबंध की जानकारी फिलहाल नहीं आई है, लेकिन जिस तरह से यह पूरा मामला सामने आया है उससे साफ है कि इस घटना में भी प्रभावशाली शामिल हैं।