महाराष्ट्र में हाथ से सत्ता फिसलने का मलाल उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं में साफ झलक रहा है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद दिल्ली दौरे पर आए एकनाथ शिंदे को उद्धव ठाकरे और उनके गुट के नेताओं ने अब मध्यावधि चुनाव का चैलेंज दे दिया है. दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर आए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े की मध्यावधि चुनाव की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि नई सरकार न केवल अपना कार्यकाल पूरा करेगी बल्कि अगले चुनाव में फिर से बड़े बहुमत से सरकार बनाएगी.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमारे पास 164 विधायकों का समर्थन है और उनके पास सिर्फ 99 हैं. देश के संविधान के अनुसार बहुमत के आधार पर सरकारें बनती हैं, जो हमारे पास है. पूर्व सीएम ठाकरे ने राज्य में मध्यावधि चुनाव की मांग करते हुए शिवसेना के बागी विधायकों और भाजपा की सरकार को बहुमत साबित करने की चुनौती दी थी.
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना के सभी बागी विधायकों को 50 'खोका' (करोड़) दिया गया था. राउत के बयान पर शिंदे ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इसका क्या मतलब है, और वह केवल 'खोका' (बॉक्स) जानते हैं जो मिठाई का होता है. मेरे साथ 4-5 टर्म के विधायक हैं. आपको लगता है कि वे मेरे पास पैसे के लिए आए थे? शिंदे ने कहा कि एमवीए सरकार के तहत हमारे विधायकों का अस्तित्व खतरे में आ गया था. यह भाजपा और शिवसेना का स्वाभाविक गठबंधन ही है जो महाराष्ट्र को आगे ले जा सकता है.