लाउडस्पीकर पर अजान और हनुमान चालीसा को लेकर सियासी दलों में जुबानी जंग बढ़ती ही जा रही है. मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि मस्जिद पर बजने वाला लाउडस्पीकर धार्मिक नहीं सामाजिक विषय है. साथ ही उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने का अल्टीमेटम भी दे दिया. अब औरंगाबाद से AIMIM सांसद की राज ठाकरे के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया आई है.
औरंगाबाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के लोकसभा सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और पुलिस को मनसे प्रमुख राज ठाकरे द्वारा इस्तेमाल की गई आक्रामक भाषा और लहजे का पूरा संज्ञान लेना चाहिए.
ठाकरे ने 3 मई तक मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की है और अजान को दबाने के लिए हनुमान चालीसा बजाने की धमकी दी है. ठाकरे ने अपने भाषण के दौरान कहा था कि मुस्लिम समुदाय को 'महाराष्ट्र की शक्ति' दिखाई देगी यदि वे लाउडस्पीकरों पर अनुरोध को नहीं मानते हैं.
AIMIM की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जलील ने कहा कि वह और उनकी पार्टी ठाकरे को समान रूप से उसी भाषा में जवाब दे सकते हैं. लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि हमें महाराष्ट्र में रहना है और तब समस्याओं का कोई अंत नहीं होगा (यदि समुदाय ने आक्रामक रुख अपनाया).
जलील ने कहा कि हम अब महाराष्ट्र सरकार के रुख का पालन करेंगे. ठाकरे द्वारा दिया गया अल्टीमेटम मुस्लिम समुदाय को नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार को दिया गया है. देखते हैं कि सरकार इसे कैसे संभालती है, खासकर एनसीपी, जिसके पास गृह विभाग है.