हाल ही में होमगार्ड जवान से बदसलूकी करने के मामले में जमशेदपुर के साकची थाने में स्वर्ण व्यवसायी संदीप बर्मन व अरुण बर्मन के खिलाफ प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। इसी के विरोध में 29 अगस्त को व्यवसायियों ने साकची बाजार को बंद कर दिया। प्रशासन ने बाजार बंद कराने वालों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की तो तीन साल बाद कांतिलाल जीवित हो गए।
2019 में ही कांतिलाल की हो गई थी मौत
कांतिलाल की मौत 2019 में कोरोना काल के दौरान हो गई थी। लेकिन पुलिस की नजर में आज भी जिंदा है। 54 व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई तो उस सूची में कांतिलाल का भी नाम देख लोग अचरज करने लगे। अब पुलिस ने जिन व्यवसासियों के नामों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है उस पर अब सवाल उठने लगे हैं। कांति लाल-रत्ती लाल बर्तन भंडार के मालिक कांति लाल, पिता रत्ती लाल उम्र 52 वर्ष केस में लिखा गया है जबकि लेकिन 76 वर्ष की उम्र में कोविड 19 के समय इनका निधन हो चुका है।
दुकान नहीं आते मृदुल, फिर भी सूची में उनका नाम
इसके अलावा एल्मुनियम स्टोर के मालिक मृदुल तिवारी का भी नाम है। 75 वर्षीय ये व्यवसायी स्वास्थ्य कारणों से छह माह से दुकान नहीं आते। बेटे के निधन के बाद अब उनके प्रतिष्ठान पर उनकी बहू बैठती हैं लेकिन केस में मृदुल का भी नाम शामिल है।
वहीं, दीपक मालाकार भी स्वास्थ्य व उम्र संबंधी बीमारियों के कारण बाजार नहीं आते। सिंहभूम चैंबर के सचिव सांवरमल शर्मा जयपुर में हैं और सचिव अनिल मोदी उस वक्त मौके पर उपस्थित नहीं थे लेकिन केस में उनका भी नाम है। इन वजहों से पुलिस के अनुसंधान पर अब सवाल उठ रहे हैं।
जो रहे आगे, उन्हीं का नाम गायब
स्वर्ण व्यवसायियों के जेल भेजने के बाद साकची बाजार की दुकानें बंद कराने के मामले में जो आगे रहे थे, उन्हीं का नाम साकची थाना की सूची से गायब है। व्यापारियों में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि इसमें आल रिटेल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरविंदर सिंह मंटू और महासचिव नसीम अंसारी समेत कई लोगों का नाम पुलिस से कैसे छूट गया है। चर्चा इस बात को लेकर भी हो रही है कि दुकानदारों का पूरा नाम-पता, मृत पूर्वजों आदि का विस्तृत विवरण किसने उपलब्ध कराया।