राजस्थान के बूंदी में 15 साल की नाबालिग बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिला दिया था. गैंगरेप और निर्मम हत्या के इस मामले में पोस्को कोर्ट ने दोषियों को मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई है. मामले में जब जजमेंट सामने आया तो इसमें लिखे शब्दों ने सभी की आंखों में आंसू ला दिया. गैंगरेप के वक्त बच्ची के दर्द और उसके साथ हुई हैवानियत को का जिक्र करते हुए जज ने लिखा कि ..उसके (पीड़िता) नेत्रों के जरिये आवाज निकली होगी कि.. मत रौंदो मुझको फूलों-सा, मैं ब्रह्मा की परछाई हूं, बिटिया बनकर धरती पर, मैं एक घरोंदा लाई हूं.
घटना राजस्थान के बूंदी जिले के बसौली क्षेत्र की है. 23 दिसम्बर 2021 को घने जंगल में दोषियों ने बच्ची के साथ गैंगरेप किया और बेरहमी से उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने रात भर अभियान चलाकर अभियुक्तों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी. आज (1 मई) 127 दिन बाद ही पोस्को कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को गंभीर धाराओं में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास सहित मृत्युदंड से दण्डित किया है.
बच्ची का शव मिलते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई थी. वारदात के साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए कोटा से विधि विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञो एवं डॉग स्कॉड को घटना स्थल पर बुलाया गया. रात का वक्त, प्रचंड ठंड और ओस के बावजूद देर रात तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया. यह घटना स्थल गांव की सड़क से करीबन डेढ़ किलोमीटर अन्दर जंगल में था. जहां किसी वाहन से नहीं पहुंचा जा सकता था.
सारी मुश्किलों के बावजूद पुलिस ने जरा भी लापरवाही बरते बिना पूरे जंगल को सील कर दिया. 10 थानेदारों के साथ तकरीबन 200 पुलिस जवान और डॉग स्कॉड के साथ मिलकर पूरे जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. पुलिस टीम लगातार अपराधियो की खोज करती रही. 12 घंटे के अंदर दरिंदों को दबोच लिया गया. तीनों अपराधियों ने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार किया.
कोर्ट ने आरोपी सुल्तान, छोटूलाल को दोषी मानते हुए मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई. इस फैसले में 22 गवाह, 79 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. पीड़ित परिवार ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट पर विश्वास जताया. उन्होंने कहा कि हमारी बेटी भले ही चली गई है, लेकिन इन दरिंदों को कोर्ट से मिली सजा से देश में यह फैसला नजीर बनेगा.