महाराष्ट्र की सियासत के लिए सोमवार यानी 4 जुलाई का दिन बेहद अहम है. सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा में होने वाला फ्लोर टेस्ट शिंदे और उद्धव दोनों के लिए प्रतिष्ठा की जंग होगी. जिसे लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना विधायकों के अपने धड़े के साथ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, भाजपा विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मुंबई के एक होटल में देर रात तक बैठक करते रहे. इस बैठक में सोमवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट की रणनीति तैयार की गई.
रविवार से शुरू हुए विधानसभा के विशेष दो दिवसीय सत्र के पहले दिन भाजपा उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को 164 मतों के समर्थन में और उनके खिलाफ 107 मतों के साथ सदन का अध्यक्ष चुना गया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री घोषित करने के कुछ दिनों बाद शिवसेना के भीतर ताजा मतभेद सामने आए हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर के चुनाव को लेकर शिवसेना के दो धड़ों के बीच व्हिप को लेकर विवाद हो गया. इससे पहले, शिवसेना और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े दोनों ने अलग-अलग व्हिप जारी कर विधायकों को अपने-अपने उम्मीदवारों को वोट देने का निर्देश दिया था. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले द्वारा भेजे गए पत्र को रिकॉर्ड में ले लिया है.
पत्र में शिवसेना के 16 विधायकों द्वारा व्हिप के उल्लंघन का जिक्र है. इससे पहले गोगावले ने राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के चुनाव के लिए व्हिप जारी किया था. अब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बागी विधायक एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना, उसके चुनाव चिह्न और यहां तक कि प्रतिष्ठित शिवसेना भवन सहित पार्टी कार्यालयों पर नियंत्रण रखने के लिए लंबी लड़ाई के लिए तैयार होना है. दोनों गुटों के बीच लड़ाई जल्द ही भारत के चुनाव आयोग तक पहुंचने की संभावना है.
शिंदे गुट के पास 39 विधायकों की ताकत है. ठाकरे के साथ उनके बेटे आदित्य समेत 16 विधायक हैं. ताजा घटनाक्रम में शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने भी शिंदे समेत 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है.