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Electricity Bill Increase : ग्राहकों पर सीधी चोट : बिजली का बिल ज्यादा भरने के लिए हो जाएं तैयार, जल्द बढ़ सकती हैं दरें जानिए क्यों
Mega Daily News July 21, 2022 07:00 PM IST

लोगों पर बिजली (Electricity) की महंगाई की मार पड़ने के आसार दिखाई दे रहे हैं. शुरुआत दिल्ली और महाराष्ट्र से हो चुकी है. जून से दिल्ली में पावर (Power) परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट यानी PPAC 4 फीसदी बढ़ गई है. अब दिल्ली में रहने वालों का बिजली बिल सीधे तौर पर 4 फीसदी बढ़ने वाला है. महाराष्ट्र में भी लोगों को जुलाई से बिजली के लिए 20 फीसदी ज्यादा दाम चुकाने होंगे. पावर यूटिलिटी कंपनियां अब फ्यूल एडजस्टमेंट चार्ज( FAC) लगाएंगी जिसे महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने 1 जून से मंजूरी दे दी है. फैसले से BEST के साढ़े दस लाख , टाटा पावर के 7 लाख से ज्यादा, अडानी इलेक्ट्रिसिटी के 29 लाख और 2.8 करोड़ MSEDCL ग्राहकों पर इसकी सीधी चोट पड़ना तय है

क्यों बढ़ रहे है बिजली के दाम

आप पूछेंगे कि बिजली कंपनियों को मनमाने तरीके से दाम बढ़ाने की आजादी दी किसने है, तो इसके पीछे की वजह 9 नवंबर 2021 का बिजली मंत्रालय का एक आदेश है. इसमें कहा गया था कि हर राज्य के रेगुलेटरी कमीशन, मसलन दिल्ली में ये DERC है, को एक ऐसा मैकेनिज्म बनाने के लिए कहा गया था ताकि फ्यूल और पावर प्रोक्योरमेंट कॉस्ट में होने वाले बदलाव अपने आप ग्राहकों पर पास किए जा सकें. और इस तरह से बिजली वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम्स को टिके रहने में मदद मिल सके.दरअसल महंगे ईंधन की वजह से बिजली बनाने की लागत बढ़ रही है हालांकि दरें स्थिर रहने से कंपनियों का नुकसान काफी बढ़ चुका है.इससे निपटने के लिए FAC यानी फ्यूल एडजस्टमेंट चार्जेज का फॉर्मूला बना लिया गया है. इसमें फ्यूल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के हिसाब से बिजली की दरें बदलती हैं.

देश के 25 राज्यों ने अपनाया नया फॉर्मूला

इस फॉर्मूला को 25 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने यहां लागू भी कर चुके हैं. पिछले दो साल से महामारी के चलते कंज्यूमर्स पर ये बोझ नहीं पड़ रहा था. अब कंपनियां कह रही हैं कि महंगे होते कोयले का खर्च उन्हें ग्राहकों से निकालना पड़ेगा. बस इसीलिए बिजली की कीमतें बढ़ाने की मुहिम शुरू हो गई है. पावर मिनिस्टर आर के सिंह खुद कह चुके हैं कि इलेक्ट्रिसिटी प्लांट्स में 10 फीसदी ब्लेंडिंग के लिए कोयले के इंपोर्ट से बिजली के दाम 60 से 70 पैसे प्रति यूनिट बढ़ जाएंगे. उन्होंने कहा है कि बिजली की खपत पिछले साल के मुकाबले करीब 25 फीसदी बढ़ गई है, जबकि पीक डिमांड में भी 15 फीसदी का इजाफा हुआ है.

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