आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में दो महिलाओं ने कोविड-19 से संक्रमित होने के डर से खुद को दो साल तक अपने घर में कैद रखा. काकीनाडा के कुययेरु गांव में मंगलवार को चौंकाने वाली घटना सामने आई. परिवार के मुखिया द्वारा दोनों की बिगड़ती हालत के बारे में सूचित किए जाने के बाद अधिकारियों ने महिला और उसकी बेटी को काकीनाडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कर दिया.
स्वास्थ्य कर्मियों को महिलाओं के गुस्से का सामना करना पड़ा, महिलाओं ने उनके कमरे का दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया. महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने आखिरकार उन्हें दरवाजा खोलने के लिए राजी किया और जबरन उन्हें अस्पताल ले जाया गया. स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि दोनों महिलाओं के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का संदेह है.
मणि और उनकी बेटी दुर्गा भवानी ने कोविड के प्रकोप के बाद 2020 में खुद को अपने घर की चार दीवारों तक सीमित कर लिया था. हालांकि बाद में महामारी नियंत्रण में आ गई, लेकिन महिलाएं अलगाव में बनी रहीं. मणि के पति उन्हें खाना और पानी मुहैया करा रहे थे लेकिन पिछले एक हफ्ते से वह उन्हें अपने कमरे में नहीं आने दे रही थी. इसके बाद उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया.
राज्य में इस तरह की यह दूसरी घटना सामने आई है. पिछले साल जुलाई में पूर्वी गोदावरी जिले से ऐसी ही एक घटना सामने आई थी. कोविड से संक्रमित होने के डर से तीन महिलाओं ने करीब 15 महीने तक खुद को अपने घर में कैद कर लिया था. वहीं एक दंपति और उनके दो बच्चों ने अपने पड़ोसी की कोविड की वजह से मौत के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया था. मामला तब सामने आया था जब एक ग्रामीण स्वयंसेवी सरकारी योजना के तहत उनके लिए आवासीय भूखंड की अनुमति देने के लिए उनका अंगूठा लगाने गया.