बीजेपी शासित यूपी और असम के बाद अब बिहार में भी मदरसों की जांच शुरू होने जा रही है. बिहार में जेडीयू और आरजेडी की गठबंधन सरकार है. वहां पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने एक याचिका का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के सभी मदरसों (Madrasa) की जांच का आदेश दिया है. अदालत के इस फैसले पर बिहार सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा है कि कोर्ट ने आदेश दिया है तो वह जांच करे लेकिन सभी मदरसे गलत नहीं हो सकते. वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेश से स्पष्ट हो गया है कि महागठबंधन की सरकार ने खास वर्ग को फायदा पहुंचाने के लिए काम किया है.
'सारे मदरसे गलत नहीं हो सकते'
गठबंधन सरकार के मंत्री जमा खान ने कहा कि कोर्ट अगर मदरसों (Madrasa) की जांच करवाना चाहती है तो वह करवाए लेकिन सारे मदरसे गलत नहीं हो सकते. मदरसों में हमारे छोटे-छोटे बच्चों को शिक्षा दी जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी एक वर्ग को टारगेट कर इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है, यह कहीं से भी उचित नहीं है.
'कोर्ट के आदेशों का पालन होगा'
वहीं गठबंधन सरकार में सहयोगी RJD ने इस मुद्दे पर संतुलित प्रतिक्रिया दी है. RJD के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मदरसों (Madrasa) की जांच पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के आदेशों का पालन किया जाएगा. इस मामले में कानून अपना काम करेगा. जांच में भी दोषी निकलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कोर्ट की ओर से जो भी ऑर्डर आता है, उस पर एक्शन लिया जाता है. इस मामले में अदालत के आदेश को देखा जाएगा.
'खास वर्ग को पहुंचाया गया फायदा'
वहीं हाई कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी इस मुद्दे पर हमलावर हो गई है. विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने सरकार पर साधा निशाना साधते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार ने एक खास वर्ग को फायदा पहुंचाने का काम किया है. बिहार अब आतंक की शरणस्थली बन गया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि सरकार मदरसों (Madrasa) को हर साल भारी-भरकम अनुदान देती है. उस अनुदान का कहां उपयोग हो रहा है, इसकी जांच होनी ही चाहिए. जांच होने से पारदर्शिता आती है, जिन लोगों को तुष्टिकरण की राजनीति करने की आदत है, वे इसे दूसरे चश्मे से देखते हैं.