भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 2,927 मामले सामने आए हैं. इनमें से 1,203 मामले यानी लगभग आधे दिल्ली से हैं. दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 1 मौत भी दर्ज हुई है. हालांकि, राहत की बात ये है कि भारत में कुल मौतों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. इस बार कोरोना के गंभीर मामले कम ही हैं.
भारत में पिछले 24 घंटे में 32 मौतें दर्ज हुई हैं, लेकिन इस डाटा को विस्तार से देखने पर पता चलता है कि 32 में से 22 मौतें केरल राज्य ने वो जोड़ी हैं - जिन्हें अब कोरोना से हुई मौत माना गया है. जबकि, ये मौत पहले ही हो चुकी थीं. इसी तरह 4 मौतों का डाटा भी पिछले दिनों का है, जिसे केरल ने अब अपडेट किया है. इस तरह 32 में से 26 मौतें पुराने डाटा को अपडेट करने की वजह से जुड़ी हैं.
दिल्ली में अचानक कोरोना से जुड़ी तमाम पाबंदियां हटाए जाने, मास्क लगाने में पिछले दिनों ढील देने और स्कूलों के एक साथ खुलने से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. बढ़ते मामलों के बाद ही दिल्ली सरकार को मास्क फिर से अनिवार्य करना पड़ा और 500 रुपये का जुर्माना भी लगाना पड़ा. भारत समेत दिल्ली में ओमिक्रॉन (B.1.1.529) और उसका सब-लीनिएज BA.2.12.1 मिलकर कोरोना बढ़ा रहे हैं.
दिल्ली में ILBS यानी इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंस में बनी जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट पाया गया है. नए सब-वेरिएंट (BA.2.12.1) से पॉजिटिव मिले सैंपल को कोविड-19 जीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम INSACOG भेज दिया गया है.
दिल्ली में अब ज्यादा जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए ये चेक किया जा रहा है कि BA.2.12.1 का संक्रमण केवल एक जगह तक सीमित था या पूरे शहर में. नए वेरिएंट का पता तब चला जब दिल्ली ने 9 अप्रैल के बाद से 25 या उससे ज्यादा CT वैल्यू वाले सैंपल्स की सीक्वेंसिंग शुरू की है. भारत में 95 प्रतिशत मामलों में कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट ही पाया जा रहा है. इसके अब तक 8 से ज्यादा वेरिएंट मिल चुके हैं और ओमिक्रॉन के और वेरिएंट फैलने की आशंका भी जताई जा रही है.
अभी दिल्ली में XE वेरिएंट नहीं पाया गया है. WHO के मुताबिक, ये वेरिएंट बाकी सभी वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल सकता है. आज पीएम ने जो चर्चा की उसमें भी जीनोम सिक्वेंसिंग पर जोर दिया, जिससे वक्त रहते नए वेरिएंट का पता लग सके. मास्क लगाने से कोरोना ही नहीं, दूसरी कई बीमारियों से भी बचाव हो सकता है और दिल्ली एनसीआर के प्रदूषित शहरों में मास्क धूल और धुएं से भी बचाव करता है, इसलिए विशेषज्ञों की राय में मास्क को जीवन का हिस्सा मान लेना चाहिए.