देश के 15 राज्यों में राज्यसभा की 57 सीटों पर चुनाव होना है. इसमें राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. बीजेपी ने इन 4 राज्यों में तय जीत वाली सीटों के अलावा एक-एक अन्य उम्मीदवार उतारकर और समर्थन देकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है.
इन चार राज्यों में बीजेपी ने जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी ने चार केंद्रीय मंत्रियों को बतौर चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. बीजेपी नेतृत्व ने राजस्थान में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, हरियाणा में गजेंद्र सिंह शेखावत, कर्नाटक में जी. किशन रेड्डी और महाराष्ट्र में अश्विनी वैष्णव को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है.
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीट पर चुनाव होने हैं और तीन उम्मीदवारों के बीच लड़ाई है. यहां पर बहुमत का आंकड़ा 31 है. विधानसभा में बीजेपी के पास 41 विधायक हैं. ऐसे में उसके उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार आसानी से जीत हासिल कर सकते हैं. वहीं, कांग्रेस के पास भी 31 विधायक हैं और उसके उम्मीदवार अजय माकन के भी जीतने की पूरी संभावना है. लेकिन अगर एक वोट भी इधर-उधर हुआ तो बीजेपी-जजपा के सपोर्ट से मैदान में उतरे निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के साथ मामला फंस जाएगा.
कार्तिकेय शर्मा कांग्रेस के पूर्व नेता विनोद शर्मा के बेटे और हरियाणा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के दामाद हैं.जजपा नेता अजय सिंह चौटाला ने कहा कि पार्टी के सभी 10 विधायक कार्तिकेय शर्मा का समर्थन करेंगे.
राजस्थान की बात करें तो यहां पर विधानसभा की 200 सीटें हैं और राज्यसभा में पहुंचने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 41 वोट की जरूरत होगी. राज्य में कांग्रेस के 108 और बीजेपी के 71 विधायक हैं. कांग्रेस चार में से दो और बीजेपी एक सीट जीतने की स्थिति में है.यहां पर चौथे उम्मीदवार के लिए मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है.
कर्नाटक में किसी भी उम्मीदवार को जीत हासिल करने के लिए 45 वोटों की जरूरत होगी. यहां पर बीजेपी के पास 122 विधायक हैं. उसके तीन उम्मीदवार मैदान में हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और अभिनेता जग्गेश को जिताने के बाद उसके 32 वोट बचेंगे, जो तीसरे उम्मीदवार लहर सिंह के खाते में जाने तय हैं.
उन्हें 13 और वोट की जरूरत रहेगी. वहीं, कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं और एक उम्मीदवार को जिताने के बाद उसके पास 25 वोट बचेंगे. दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए उसे 20 वोटों की जरूर होगी.
महाराष्ट्र में भी राज्यसभा चुनाव के लिए लड़ाई कम रोचक नहीं है. यहां से 6 उम्मीदवार राज्यसभा पहुंचेंगे. उन्हें 42 वोटों की जरूरत होगी. बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, वरिष्ठ नेताओं अनिल बोंडे और धनंजय महादिक को मैदान में उतारा है. बीजेपी के पास अपने दम पर दो सीटें जीतने के लिए पर्याप्त वोट हैं. महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के पास एक-एक उम्मीदवार को अलग-अलग निर्वाचित कराने के लिए वोट हैं, लेकिन वे एक साथ संसद के उच्च सदन के लिए एक और उम्मीदवार चुन सकते हैं.
महाविकास अघाड़ी से चार उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें शिवसेना से संजय राउत और संजय पवार, एनसीपी से प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी हैं. कांग्रेस और एनसीपी अपने उम्मीदवार जिता सकती हैं, लेकिन शिवसेना के दो में से एक की ही जीत पक्की है.
बीजेपी को तीसरी सीट के लिए 11 विधायकों का और समर्थन चाहिए. जबकि, शिवसेना को 30 और विधायक चाहिए. कांग्रेस और एनसीपी के बचे विधायकों से भी उसका समर्थन पूरा नहीं होगा.