बीते मंगलवार की शाम बेगूसराय से पटना तक लोगों पर गोलीबारी कर एक की हत्या तथा 10 को घायल कर जबाही मचा देने वाले सभी आरोपित पकड़े जा चुके हैं। उनमें एक बेगूसराय के बीहट का केशव कुमार उर्फ नागा जमुई के झाझा स्टेशन से मौर्य एक्सप्रेस ट्रेन से रांची भागने की फिराक में पुलिस के हत्थे चढ़ा। सूत्रों के अनुसार उसने कांड में संलिप्तता स्वीकार कर ली है। उसे गोलीकांड के अन्य आरोपितों सुमित, युवराज व अर्जुन की निशानदेही पर पकड़ा गया। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
पुलिस ने जारी की थी संदिग्धों की तस्वीरें
बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा बुधवार को दो बाइक पर सवार चार संदिग्ध अपराधियों का सीसीटीवी फुटेज इंटरनेट मीडिया पर जारी कर आमलोगों से पहचान में मदद की अपील और सुराग देने वाले को 50 हजार इनाम की घोषणा काम कर गई। मिली सूचना के आधार पर पहले सुमित, युवराज व अर्जुन पकड़े गए। उनसे हुई पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर बेगूसराय के बीहट वार्ड 16 के निवासी राम विनय सिंह के बेटे केशव कुमार उर्फ नागा को मौर्य एक्सप्रेस से रांची भागने के क्रम मेंं जमुई के झाझा स्टेशन से गिरफ्तार किया गया।
एसपी देंगे आधिकारिक जानकारी
सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तार केशव को लेकर पुलिस देर रात बेगूसराय लेकर पहुंच गई है। उधर, पुलिस ने गुरुवार की दोपहर बाद दो आरोपितों को बेगूसराय के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र से और दो को नगर थाना क्षेत्र के व्यवहार न्यायालय के पास से उठाया था। गोलीकांड में दो बाइक पर सवार चार अपराधी शामिल बताए गए थे। अब इनमें से एक की झाझा से गिरफ्तारी के बाद जाहिर है कि हिरासत में लिए गए चार संदिग्धों में एक इस मामले में शामिल नहीं है। संभावना है कि आज एसपी योगेंद्र कुमार गोलीकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी की आधिकारिक जानकारी देंगे।
क्राइम सीन रीक्रियेट करा पूछताछ
इसके पहले गुरुवार की शाम एसपी योगेंद्र कुमार हिरासत में लिए गए संदिग्धों को लेकर गोधना गांव के समीप स्थित एक घटनास्थल पहुंचे और उनसे पूछताछ की और क्राइम सीन को रीक्रिएट कराया। इससे पहले डीआइजी सत्यवीर सिंह ‘यस वी आर क्लोज" कहकर अपराधियों का सुराग मिलने का इशारा कर चुके थे।
बगराहाडीह के पास मिला दो खोखा
गुरुवार को पटना से पहुंची फारेसिंक जांच टीम ने घटनास्थल से दो खोखा बरामद किया। तेघड़ा थाना क्षेत्र के आधारपुर व फुलवड़िया थाना क्षेत्र के बगराहाडीह के पास से पिस्टल के एक-एक खोखा बरामद हुए। बहरहाल, घटनास्थल से तीन दिनों के भीतर पुलिस द्वारा खोखे की बरामदगी नहीं हो पाना कई सवाल खड़े कर रहा है। जाहिर है, मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने सूक्ष्मता से खोजबीन नहीं की होगी।
एक की हत्या और दस हुए थे जख्मी
घटना में दो बाइक पर सवार चार अपराधियों ने छह अलग-अलग जगहों पर गोलीबारी कर जहां फुलवरिया थाना क्षेत्र के पिपरा देवस निवासी इंजीनियर चंदन कुमार की हत्या कर दी थी, वहीं बछवाड़ा, एफसीआइ, चकिया व तेघड़ा थाना क्षेत्रों में गोली मारकर 10 लोगों को घायल कर दिया था। घटना के बाद से पुलिस की चार विशेष छापेमारी टीमें बेगूसराय व समस्तीपुर सहित कई जगहों पर लगातार छापेमारी कर रही थी।
बड़ा सवाल, कहां दुबके थे बदमाश
एसपी ने इस मामले में बाइक सवार अपराधियों के जिले में ही छिपने की बात कही थी। उन्होंने अपराधियों के राजेंद्र पुल पार नहीं करने का दावा करते हुए कहा था कि वे पुल के पहले ही किसी दूसरे रास्ते से फरार हुए। अब एक अपराधी के जमुई के झाझा से गिरफ्तारी और चार संदिग्धों के हिरासत में लिए जाने लेने के बाद उनके दावे पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह भी कि घटना के 48 घंटे तक वे लोग कहां छिपे थे? जिले से बाहर किस रास्ते से गए या जिले में कहां दुबके थे?
पुलिस करती रही नाकेबंदी की बात
बेगूसराय के राजेंद्र पुल के पहले सिमरिया बिंद टोली व मरांची दियारा के रास्ते मटिहानी के दियारा तक भी जाया जा सकता है। सिमरिया घाट के समीप ही पटना के मरांची व मटिहानी थाना क्षेत्र की सीमा भी मिलती है। मटिहानी की भौगोलिक स्थिति अपराधियों के लिए सुरक्षित रही है। वहां से गंगा नदी में नाव के सहारे पटना के हाथीदह जाकर अन्य जगहों का रूख किया जा सकता है। राजेंद्र पुल के समीप गुप्ता लखमिनियां बांध के सहारे भी तेघड़ा व बछवाड़ा की तरफ से वापस भी लौटा जा सकता है। घटना के बाद पुलिस जगह-जगह नाकेबंदी कराने की बात करती रही, लेकिन गांव-देहात व बांध के सभी रास्तों पर एक साथ नाकेबंदी नहीं की जा सकी थी।