नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक में कई बड़े फैसले लिए हैं। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फ़ीसदी यानी 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है। माना जा रहा है कि इस ऐलान के बाद लोगों पर ईएमआई का बोझ और बढ़ेगा। आरबीआई के इस ऐलान के साथ ही आईसीआईसीआई बैंक और पीएनबी ने लोन देने की रेट बढ़ा दी है। इससे लोगों पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट 0.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया। ये मई के बाद तीसरी वृद्धि है। ताजा वृद्धि के साथ रेपो दर या अल्पकालिक उधारी दर महामारी से पहले के स्तर 5.15% को पार कर गई है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से मानक ब्याज दर में 0.50% बढ़ौतरी के बाद आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने भी कर्ज देने की दर बढ़ा दी है। रेपो रेट में 0.5 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी के बाद रेपो दर 3 वर्ष के उच्चतम स्तर 5.40% पर पहुंच गई है।
आईसीआईसीआई बैंक ने घोषणा कर कहा कि आईसीआईसीआई बैंक आई इबीएलआर को आरबीआई की नीतिगत दर से संदर्भित किया जाता है। बैंक ने कहा आई इबीएलआर 9.10 फीसद वार्षिक और प्रतिमाह देय है. ये 5 अगस्त 2022 से प्रभावी होगी।
पंजाब नेशनल बैंक ने रेपो रेट से संबंधित कर्ज दर यानी आरएलएलआर को भी 7.40 से बढ़ाकर 7.90 कर दिया है। यह नया रेट 8 अगस्त 2022 से प्रभावी होंगे। बैंक के इस कदम से लोगों को बड़ी हुई EMI के कारण एक्स्ट्रा पैसे देने होंगे। बता दें कि रेपो दर पर ही वाणिज्यिक बैंक केंद्रीय बैंक से उधार लेते हैं।
रेपो दर में वृद्धि को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि इस कदम से मुद्रास्फीति को नीचे लाने और बाजारों में वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।