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Thursday, 12 June 2025

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इस्लामिक संस्था के इस फैसले के बाद ओवैसी की मदरसा राजनीति को बड़ा झटका, संस्था ने किया मदरसे के सर्वे का स्वागत

19 September 2022 09:13 AM Mega Daily News
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उत्तर प्रदेश में सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के बीच तमाम तरह की विरोधी बातें भी सामने आने पर दारूल उलूम देवबंद ने रविवार को एक बैठक में सभी को स्पष्ट निर्देश दे दिया है।

दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी और मौलाना अरशद मदनी ने सभी मदरसा संचालकों से स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि सभी मदरसों को सर्वे में सहयोग करना है।

ओवैसी की मदरसा राजनीति को बड़ा झटका

सहारनपुर के देवबंद में बड़ी इस्लामिक संस्था के इस फैसले से हैदराबाद के सांसद एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मदरसा राजनीति को बड़ा झटका लगा है। दारुल उलूम देवबंद में ढाई सौ से ज़्यादा मदरसा संचालकों के साथ हुई बैठक में सभी मदरसों के सर्वे में सहयोग का निर्देश दिया गया है। वहां पर कहा गया है कि यूपी सरकार के मदरसा सर्वे का स्वागत किया जाए। कहीं पर भी सर्वे का विरोध ना हो, सभी लोग मदरसे जांच में सहयोग करें।

दारूल उलूम देवबंद ने अपना रुख साफ कर दिया

सहारनपुर के देवबंद के दारूल उलूम में रविवार को बुलाए गए मदरसों के सम्मेलन में सरकारी आदेश पर दारूल उलूम देवबंद ने अपना रुख साफ कर दिया। मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी और मौलाना अरशद मदनी ने सभी मदरसा संचालकों से कहा है कि वह मदरसों का सारा हिसाब-किताब पारदर्शी रखें। इसके साथ ही सर्वे के दौरान मांगे जाने पर सभी दस्तावेज दुरुस्त तरीके से पेश करें। आज की इस बैठक में ढाई सौ से अधिक मदरसों के जिम्मेदार शामिल थे।

उत्तर प्रदेश में बिना सरकारी सहायता तथा मान्यता से चल रहे मदरसों के सर्वे के योगी आदित्यनाथ सरकार के आदेश पर इस्लामी तालीम के प्रमुख केन्द्र देवबंद के दारुल उलूम ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। दारूल उलूम ने कहा है कि मदरसे सर्वे का विरोध नहीं बल्कि जांच में सहयोग करें। मदरसों की यह भी जिम्मेदारी बनती है कि वह अपना हिसाब किताब पारदर्शी रखने के साथ ही भूमि संबंधी और अन्य दस्तावेज दुरुस्त रखें।

सर्वे से डरने या घबराने की जरूरत नहीं

जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दारूल उलूम के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश की जंगे आजादी में मदरसों की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता है। मदरसे देश के संविधान के तहत चलते हैं और मदरसों के अंदर कोई भी ढकी छुपी चीज नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वे से बिलकुल डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। मदरसा संचालक सर्वे में सहयोग करते हुए जांच टीम को संपूर्ण और सही जानकारी मुहैया कराएं

जांच के नाम पर कोई पैसे मांगे तो प्रशासन को करें सूचित

दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने मदरसों के इतिहास और इनकी महत्ता पर प्रकाश डाला। सर्वे पर उन्होंने कहा कि किन्हीं जगहों से जानकारी मिली है कि जांच के नाम पर मदरसा संचालकों से पैसे मांगे जा रहे हैं। यदि कहीं भी ऐसा होता है तो वह जिला प्रशासन से संपर्क करें।

मदरसों पर सकारात्मक रवैया अपनाए मीडिया

सम्मेलन के दौरान कुल हिंद राब्ता ए मदारिस इस्लामिया के नाजिम मौलाना मुफ्ती शौकत बस्तवी ने सम्मेलन के दौरान घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि हमारे मदरसे कभी भी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं पाए गए हैं। इसी कारण मीडिया को भी मदरसों को लेकर सकारात्मक रवैया रखना चाहिए। मदरसे खुली किताब है और सभी के लिए इन के दरवाजे हमेशा खुले हैं।

ढाई सौ से अधिक मदरसों के जिम्मेदार रहे मौजूद

सर्वे को लेकर दारूल उलूम के आज के उत्तर प्रदेश के सम्मेलन में 250 से अधिक मदरसों के जिम्मेदार मौजूद रहे। इन्होंने दारूल उलूम के रुख और सर्वे के संबंध में लिए गए फैसलों का स्वागत किया और संस्था की सभी घोषणाओं पर अमल करने का भरोसा दिलाया।

प्रदेश में दस से प्रारंभ है सर्वे का काम

योगी आदित्यनाथ सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त और स्ववित्त पोषित मदरसों के सर्वे के आदेश दिए थे। आदेश के अनुपालन में 10 सितंबर को जिला स्तर पर जांच टीमों का गठन किया गया था। गठित टीमें प्रदेश भर में सरकार की सहायता के बिना चल रहे मदरसों में पहुंच सर्वे कर रही हैं। इनमें मदरसे के वित्तीय स्रोत और मूलभूत सुविधाओं आदि बिंदुओं पर जांच टीम मदरसा संचालको से जानकारी जुटा रही है। इनको पांच अक्टूबर को शासन को अपनी रिपोर्ट देनी है।

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