अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद कमरे को खोला गया है. पिछले साल 20 सितंबर को महंत नरेद्र गिरी की मौत के बाद उनके रहने वाले कमरे का ताला खोला गया. महंत नरेंद्र गिरी के कमरे को खोलने के लिए पुलिस और मजिस्ट्रेट के साथ ही सीबीआई की टीम भी मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंची. जिस वक्त महंत के कमरे का ताला खोला गया, उस समय कमरे की फोटो और वीडियोग्राफी भी करवाई गई. साथ ही कमरे में मिलने वाले सामानों की एक लिस्ट भी तैयार की गई, जिसमें मठ बाघंबरी गद्दी से जुड़े कई जरूरी दस्तावेज और कीमती सामान भी मिले हैं.
किसको को दी गई है चाभी?
फिलहाल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कमरे को खोलने के बाद चाभी मठ के मौजूदा महंत बलवीर गिरी को दे दी गई. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि पिछले साल 20 सितंबर को मठ स्थित कमरे में फंदे से लटकता हुआ शव मिला था. महंत की मौत की जांच सीबीआई ने की और उनके शिष्य रहे आनंद गिरी और मंदिर के पुजारी आधा प्रसाद तिवारी और उसके बेटे को महंत के सुसाइड का ज़िम्मेदार बताया. महंत की मौत के बाद जहां एक तरफ सुसाइड वाले कमरे को सील किया गया था तो वहीं पुलिस ने मठ के अंदर पहली मंजिल पर बना हुआ वो कमरा भी सील किया था, जिसमें महंत नरेंद्र गिरी रहते थे.
मठ के उसी कमरे को खुलवाने को लेकर मौजूदा महंत बलवीर गिरी ने अफसरों से गुहार लगाने के साथ ही कोर्ट में अर्जी भी दी थी. कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को पुलिस और मजिस्ट्रेट के साथ ही सीबीआई की मौजूदगी में कमरे का ताला खोला गया. साल भर महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद सील किए गए कमरे का ताला खोला गया.
कमरे की जांच पड़ताल उस वक्त भी की गई थी जब महंत ने आत्महत्या की थी. सीबीआई के अलावा पुलिस ने भी उस कमरे को खंगाला था. करीब साल भर बाद सील कमरे को खोलकर चाभी वर्तमान महंत को सौंपने से पहले भी पुलिस और सीबीआई ने कमरे की जांच पड़ताल की.