शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी पंजाब के राज्यपाल से 500 करोड़ रुपये के आम आदमी पार्टी (AAP) के कथित शराब घोटाले को लेकर कार्रवाई की अपील करेगी. बादल ने कहा कि इसके अलावा उनकी पार्टी पंजाब में शराब कार्टेल से आप को प्राप्त कथित रिश्वत को लेकर सीबीआई और ईडी के पास शिकायत दर्ज करने की भी अपील करेगी.
बादल ने यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद राघव चड्ढा सहित सभी राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ घोटाले में मदद करने वाले पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.' यह कहते हुए कि आप ने पंजाब आबकारी नीति तैयार करते समय दिल्ली मॉडल का पालन किया है, उन्होंने कहा, 'दिल्ली राज्य की तरह, लगभग पूरे शराब व्यापार को दो कंपनियों को सौंप दिया गया है.'
बादल ने कहा कि दोनों कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन को दोगुना कर दिया गया, ताकि इससे खुद इसका फायदा उठाया जा सके. शिअद नेता ने आरोप लगाते हुए कहा, 'पंजाब में आप सरकार और दिल्ली में आप आलाकमान को सैकड़ों करोड़ वापस दिए गए हैं.' विवरण साझा करते हुए, बादल ने कहा कि नई उत्पाद नीति तैयार करते समय, पंजाब सरकार ने दिल्ली में अपने आप समकक्षों का अनुसरण किया है.
उन्होंने कहा, 'यह निर्धारित करता है कि प्रत्येक शराब निर्माण कंपनी राज्य में अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक लाइसेंसधारी का चयन करेगी और एल-1 लाइसेंसधारी भारत या विदेश में निमार्ता नहीं होना चाहिए. यह भी कहा गया है कि एल-1 लाइसेंसधारियों का सालाना टर्नओवर कम से कम 30 करोड़ रुपये होना चाहिए और पंजाब के खुदरा बाजार में उनकी कोई हिस्सेदारी नहीं होनी चाहिए, जिसने पंजाब के शराब व्यापारियों को दौड़ से बाहर कर दिया है.'
उन्होंने कहा कि पंजाब के मामले में लाइसेंसधारी का लाभ मार्जिन भी पहले के पांच फीसदी से दोगुना कर 10 फीसदी कर दिया गया है. बादल ने कहा कि इस नीति के परिणामस्वरूप लगभग पूरे शराब व्यापार को दो कंपनियों - अमन ढल के स्वामित्व वाली ब्रिंडको और मेहरा समूह के स्वामित्व वाली अनंत वाइन को सौंप दिया गया है. आरोप लगाया गया है कि राघव चड्ढा ने जहां चंडीगढ़ के हयात होटल की पांचवीं मंजिल पर एक सुइट में दो समूहों के सदस्यों के साथ बैठकें कीं, वहीं 30 मई और 6 जून को सिसोदिया के आवास पर दो बैठकें हुईं, जिसमें पंजाब सरकार के अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें वित्तीय आयुक्त और आबकारी आयुक्त भी शामिल हुए.
उन्होंने कहा कि जिन निजी कंपनियों को सौदे तय करने के लिए बुलाया गया था, उन्हें गुप्त रखा गया, क्योंकि सिसोदिया ने पंजाब सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मिस्टर मैंगो और मिस्टर कुकुम्बर में उनका जिक्र किया था. बादल ने कहा कि सीबीआई और ईडी की जांच से ही मामले की सच्चाई सामने आ सकती है. उन्होंने कहा कि आरोपी नेताओं और अधिकारियों की गतिविधियों की जांच की जानी चाहिए और साथ ही निर्धारित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि लाभ मार्जिन को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने के कारण प्राप्त रिश्वत की भी जांच की जानी चाहिए और साथ ही यह दावा भी किया जाना चाहिए कि दिल्ली में शराब कार्टेल से प्राप्त रिश्वत का इस्तेमाल आप द्वारा पंजाब चुनाव लड़ने के लिए किया गया था. बादल ने कहा कि अब जब दिल्ली आबकारी घोटाले में पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है, तो पंजाब के मामले में भी ऐसा ही किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'नीति और नीति निर्माता एक ही हैं. सरकारी खजाने को लूटने का तरीका एक ही है.' उन्होंने कहा कि दिल्ली के मामले में राज्य के खजाने की लूट की शिकायतों के बाद उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को एक जांच करने का आदेश दिया.
शिअद नेता ने कहा, 'रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली आबकारी नीति ने आबकारी कानूनों का उल्लंघन किया और इसका उद्देश्य राज्य के खजाने की कीमत पर शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना था.' बादल ने कहा कि इसके बाद घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और 14 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का एक अलग मामला भी दर्ज किया है.