30 सालों के लंबे समय बाद सिनेमा कश्मीर घाटी में लौट रहा है. कश्मीर के युवाओं को मनोरंजन प्रदान करने के उद्देश्य से श्रीनगर शहर में पहला मल्टीप्लेक्स खुल रहा है. आतंकवाद की शुरुआत के साथ ही 90 के दशक की शुरुआत में घाटी में सिनेमा हॉल बंद करवा दिए गए थे. उस वक्त कश्मीर में करीब 15 सिनेमा हॉल थे और ये सभी दशकों पहले बंद कर दिए गए हैं.
श्रीनगर के शिवपोरा इलाके में स्थित मल्टीप्लेक्स में तीन स्क्रीन होंगी और कुल 520 लोगों के बैठने की क्षमता होगी. इमारत को किसी भी मल्टीप्लेक्स के रूप में बनाया गया है. लेकिन इसमें कश्मीर का स्पर्श है. मालिकों ने कश्मीरी पारंपरिक 'खतमबंद' छत और पेपर माची डिजाइनों को शामिल किया है. इसे सितंबर के महीने में लोगों के लिए खोल दिया जाएगा.
बाइट विकास धर (मल्टीप्लेक्स मालिक) का कहना है 'तीन चार साल हमारे घर में बात चल रही थी. कश्मीर में बच्चों के मनोरंजन की एक बड़ी एक कमी है और उसको कोई बढ़ावा नहीं दे रहा था. उसको सोचते हुए हमें लगा कि मूवी एक ऐसी चीज है जिसका कश्मीर के साथ पुराना रिश्ता हैं. एक दिल का तार जुड़ा है तो उसको जोड़ने का समय आ गया है.
इस सिनेमा हॉल में 520 के आस-पास सीटें होंगी और तीन ऑडिटोरियम होंगे. साथ ही कंसेशन काउंटर भी होगा. इसके अलावा इसमें अन्य शहरों के सिनेमाघरों की तरह खाने पीने की सभी चीजें मिलेंगी.
बता दें कि 1990 की शुरुआत तक कश्मीर में दर्जनों सिनेमा हॉल थे, लेकिन आतंकवाद की शुरुआत के साथ, घाटी के सभी सिनेमा हॉल बंद कर दिए गए. 1999-2000 के दौरान सरकार ने कुछ सिनेमा हॉल्स को फिर से खोलने की कोशिश की. लेकिन उन पर हमले हुए जिससे फिर से बंद हो गया. उधर परिवार के पास घाटी के सबसे पुराने सिनेमा हॉल में से एक 'ब्रॉडवे' था. यह भी थोड़े समय के लिए खोला गया और बाद में हमेशा के लिए बंद कर दिया गया. इन थिएटरों और सिनेमा हॉलों के लिए सुरक्षा मुख्य चिंताओं में से एक है. लेकिन मल्टीप्लेक्स के मालिकों का कहना है कि उन्हें कोई आशंका नहीं है. क्योंकि वे ऐसा युवाओं के मनोरंजन के लिए कर रहे हैं और निर्णय दिल का है और दिल डरता नहीं हैं और उनके इस फैसले को सरकार का पूरा सपोर्ट मिला है.
विकास धर ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार का पूरा सहयोग कर रही है. उनके सहयोग के बिना यह मुमकिन नहीं था. यह कारोबार ऐसा है कि इसको दिल से सोचा और दिल को डर नहीं लगता. उन्होंने बताया कि श्रीनगर शहर में पहला मल्टीप्लेक्स खुलने की खबर फैलने के साथ, मालिकों को घाटी भर के लोगों के फोन आ रहे हैं कि वे अपने क्षेत्रों में एक थिएटर / सिनेमा कैसे खोलें. साथ ही बॉलीवुड और कश्मीर जिसका दशकों पुराना रिश्ता रहा वो कनेक्ट फिर बनने लगा है.