आम आदमी पार्टी (आप) के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान को दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti Corruption Branch) ने गिरफ्तार किया है। दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दौरान उनके घर पर जमकर हंगामा हुआ।
एसीबी चीफ मधुर वर्मा के मुताबिक, अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) की गिरफ्तारी के दौरान एसीबी की टीम को सभी जगहों पर कड़ा विरोध का सामना करना पड़ा। एसीबी को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। अमानतुल्लाह खान के घर के बाहर उसके स्वजन और रिश्तेदारों ने एसीबी के एक एसीपी के साथ मारपीट करने की कोशिश की।
एसीबी ने पूछताछ के बाद की कई ठिकानों पर छापेमारी
अमानतुल्लाह दोपहर करीब तीन बजे एसीबी के पास जांच में शामिल होने पहुंचा था। उससे देर शाम तक पूछताछ जारी थी। अमानतुल्लाह के जवाबों के आधार पर यह छापेमारी की गई। एसीबी के अधिकारी का कहना है कि छापेमारी के दौरान कई जगहों पर घर के सदस्य ताला लगाकर कर भाग गए थे। उनके ताले (लॉकर) को खोला गया।
अमानतुल्लाह खान के जामिया के गफूर नगर में रहने वाले सबसे करीबी हामिद अली खान के यहां से अवैध पिस्टल, कारतूस और 12 लाख रुपये बरामद हुए हैं। एक अन्य जगह से भी 12 लाख रुपये नकद मिलो हैं।
आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज
हामिद अली खान के घर से अवैध हथियार मिलने पर जामिया थाने में उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। वीडियो से मारपीट में शामिल लोगों की पहचान कर ली गई है। उनके खिलाफ अलग से सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट करने और सुबूत मिटाने की धाराओं में दूसरी प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। उन सभी को भी गिरफ्तार करने की कार्रवाई जारी है।
बता दें कि अमानतुल्लाह खान पर वक्फ बोर्ड के बैंक खातों में ''वित्तीय गड़बड़ी'', वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में किरायेदारी का निर्माण, वाहनों की खरीद में भ्रष्टाचार और दिल्ली वक्फ बोर्ड में सेवा नियमों में उल्लंघन करते हुए 33 लोगों की '''अवैध नियुक्ति''' के आरोप हैं। इस संबंध में एसीबी ने जनवरी 2020 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रविधानों के तहत केस दर्ज किया था।
खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया। उसने अपने रिश्तेदारों और करीबियों की अवैध तरीके से नियुक्तियां की थी। उसने सरकारी फंड का दुरुपयोग किया था। तनख्वाह में मद में तीन करोड़ की हेराफेरी की गई।