Breaking News
Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना गूगल का बड़ा एक्शन, हटाए 1.2 करोड़ अकाउंट, फर्जी विज्ञापन दिखाने वाले इन लोगो पर गिरी गाज Business Ideas : फूलों का बिजनेस कर गरीब किसान कमा सकते है लाखों रुपए, जानें तरीका
Saturday, 07 September 2024

Gujarat

दिन में 2 बार गायब होने वाला यह मंदिर भगवान कार्तिकेय ने आत्मग्लानि दूर करने के लिए बनाया

24 May 2022 08:50 AM Mega Daily News
मंदिर,भगवान,कार्तिकेय,ताड़कासुर,श्रद्धालु,गुजरात,temple,भोलेनाथ,समुद्र,राक्षस,प्राचीन,संख्या,पहुंचते,वडोदरा,stambheshwara,,disappears,twice,day,built,lord,kartikeya,remove,self,aggrandisement

भारत को मंदिरों और तीर्थों का देश कहा जाता है. अगर देश के भीतर से इन दोनों चीजों को निकाल दें तो शायद भारत का अस्तित्व ही खत्म हो जाए. भारत का हरेक प्राचीन मंदिर अपने अंदर कोई न कोई खासियत लिए हुए है. आज हम आपको ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर के बारे में बताते हैं, जो दिन में 2 बार गायब हो जाता है. इस मंदिर पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपना माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं.

गुजरात के वडोदरा में बना है मंदिर

गुजरात (Gujarat) के प्रसिद्ध वडोदरा शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर है जंबूसार तहसील. इसी तहसील के कवि कंबोई गांव में यह स्तंभेश्वर मंदिर (Stambheshwara Temple) बना हुआ है. माना जाता है कि यह मंदिर करीब 150 साल पुराना है. भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस मंदिर के प्रति गुजरात ही नहीं बल्कि देश-विदेश के लोगों की गहरी आस्था है. सावन के महीने में तो यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए उमड़ते हैं.

दिन में 2 बार हो जाता है गायब

यह मंदिर दिन में 2 बार गायब हो जाता है. इसकी वजह ये है कि यह मंदिर (Stambheshwara Temple) समुद्र किनारे पर बना हुआ है. सुबह और शाम के वक्त समुद्र का जलस्तर बढ़ने पर यह मंदिर लहरों में डूब जाता है. कुछ समय बाद पानी उतरने पर यह मंदिर फिर से अपने पुराने रूप में प्रकट हो जाता है. अपनी इसी विशेषता की वजह से इसे 'गायब मंदिर' भी कहा जाता है. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए रोजाना वहां सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं. पानी उतरने के बाद वे मंदिर में जाकर पूजा-पाठ करते हैं और भगवान भोलेनाथ से जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

भगवान कार्तिकेय ने किया ताड़कासुर का वध

इस अद्भुत मंदिर की कथा स्कन्द पुराण में भी मिलती है. ग्रंथ के मुताबिक ताड़कासुर (Tadkasur) नाम का राक्षस भगवान शिव का अनन्य भक्त था. उसने घोर तपस्या करके भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर लिया. उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया. इसके बाद ताड़कासुर ने तीनों लोकों में मारकाट मचा दी. उसके अत्याचारों की गाथा सुनने के बाद भगवान शिव ने तीसरे नेत्र की ज्वाला से भगवान कार्तिकेय को उत्पन्न किया, जिन्हें पृथ्वीलोक पर आकर ताड़कासुर का वध कर दिया.

आत्मग्लानि दूर करने के लिए बनाया मंदिर

कहा जाता है कि ताड़कासुर (Tadkasur) को मारने के बाद भगवान कार्तिकेय ग्लानि महसूस कर रहे थे. इसकी वजह ये थी कि ताड़कासुर राक्षस होने के बावजूद भगवान शिव का परम भक्त था और उन्होंने एक शिव भक्त को मार दिया था. उनकी इस अवस्था को समझकर भगवान विष्णु ने उन्हें ढाढस बंधाया और कहा कि लोगों को मारने वाले राक्षस का वध अनुचित नहीं है. इसके बाद भी कार्तिकेय अपराध बोध से मुक्त नहीं हो पाए तो भगवान विष्णु ने उन्हें समुद्र किनारे शिवलिंग की स्थापना कर पूजा करने की सलाह दी. माना जाता है कि भगवान कार्तिकेय ने जिस जगह मंदिर स्थापित किया था, वहीं पर यह गायब मंदिर(Stambheshwara Temple)  बना हुआ है.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News