रामनवमी पर गुजरात में आनंद जिले के खंभात इलाके में हुई हिंसा की परतें अब खुलने लगी हैं. पुलिस का कहना है कि पूर्व नियोजित साजिश करके रामनवमी जुलूस पर हमले का षडयंत्र रचा गया था.
पुलिस के अनुसार, 'जुलूस पर पथराव के लिए बाहर से लड़कों को खंभात में लाया गया था. उन लड़कों को आश्वासन दिया गया था कि अगर वे पकड़े जाते हैं तो उन्हें हर तरह की कानूनी और आर्थिक मदद दी जाएगी. साजिश रचने वालों ने फैसला किया कि वे कब्रिस्तानों के पास खड़े होकर जुलूस पर पथराव करेंगे. इसकी वजह ये थी कि कब्रिस्तानों में पत्थर आसानी से मिल सकते हैं.'
जिले के एसपी अजित राजियान (Ajit Rajiyan) ने साजिश की परतें खोलते हुए बताया, 'सुनियोजित साजिश के तहत खंभात में रामनवमी के जुलूस पर के दौरान पथराव किया गया था. आरोपियों का मकसद था कि जुलूस में शामिल लोगों में इतना खौफ भर दिया जाए कि भविष्य में ऐसा कोई धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जाए.'
उन्होंने बताया कि रामनवमी के जुलूस की अनुमति मिलने के बाद तीन दिनों में पूरी साजिश रची गई थी. इसके बाद आरोपी ने जुलूस की योजना बनाना शुरू कर दिया था. जुलूस के दौरान हिंसा और पथराव में कथित संलिप्तता के आरोप में कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने कहा कि 6 आरोपियों ने स्लीपर मॉड्यूल के जरिए पूरी साजिश रची. इस हिंसा का मास्टरमाइंड मौलवी रजाक पटेल (Maulvi Razak Patel) है, जोकि फिलहाल फरार हो गया है.
एसपी ने बताया, 'ये लोग फंड का इंतजाम करने के लिए जिले और विदेशों के लोगों के संपर्क में थे. फंड जुटाने की जिम्मेदारी मतीन को सौंपी गई थी. अभी इस बात की जांच चल रही है कि इसके लिए राज्य और देश के बाहर से किसने मदद की.'
उन्होंने कहा, 'दरअसल जिस तरह से पथराव किया गया और पथराव के लिए जिस स्थान का चयन किया गया, वह राज्य के खुफिया विभाग को संदेहास्पद लगा था. इसके बाद राज्य एटीएस की ओर से जांच शुरू की गई, जिसमें जमशेद पठान को पकड़कर पूछताछ की गई थी. उसने इस घटना के पीछे मास्टरमाइंड मौलवी रजाक पटेल के नाम का खुलासा किया.'
एसपी ने बताया कि मुस्तकिन मौलवी ने इस रामनवमी रथ यात्रा को रोकने की साजिश रची थी. इस काम के लिए उसने वसीम और वाजिद को तैयार किया. पैसे का प्रबंधन मतिन अल्ती और उनके भाइयों मोहसिन और आजाद ने किया था. वहीं चिंटू फरीद, रज्जाक पटेल, अख्तर, नसीर और जाहिद ने लड़कों का इंतजाम कर जुलूस पर पथराव का प्लान तैयार किया था. पुलिस में दर्ज केस में अल्ती और उसके भाइयों को छोड़कर सभी के नाम दर्ज हैं.'
बताते चलें कि रामनवमी पर निकाले गए जुलूस में गुजरात के हिम्मतनगर और आणंद जिलों में दो समुदायों के बीच पथराव की कई घटनाएं हुई थीं. जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे.