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Astrology / वास्तु शास्त्र : हरी भरी तुलसी अचानक से सूख जाए तो देती है ये बुरा संकेत, एक के बाद एक आते हैं कई दुख

वास्तु शास्त्र : हरी भरी तुलसी अचानक से सूख जाए तो देती है ये बुरा संकेत, एक के बाद एक आते हैं कई दुख
Mega Daily News July 11, 2022 04:54 PM IST

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को काफी अहमियत दी जाती है। यहां लोग इस पौधे को पवित्र मानते हैं। इसकी पूजा करते हैं। उन्हें देवी का दर्जा देते हैं। यहां तक की श्रीकृष्ण के साथ उनका विवाह भी करवाते हैं। तुलसी को घर में रखना वास्तु शास्त्र की दृष्टि से भी शुभ माना जाता है। कहते हैं इससे घर के सभी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। तुलसी में माँ लक्ष्मी का वास भी माना जाता है। इससे घर में बरकत बनी रहती है।

आयुर्वेदिक दवाईयों में भी तुलसी का इस्तेमाल बहुत होता है। ये सभी बातें आप ने भी पहले पढ़ी सुनी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी माता हमे आने वाली मुसीबतों का संकेत भी देती है। जी हाँ ये सत्य है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार तुलसी अलग-अलग माध्यमों से हमे आने वाले दुखों या मुसीबतों की सूचना देती है।

सूख रही तुलसी के मायने

शास्त्रों के अनुसार तुलसी का पौधा हमारे घर को बुरी नजर और नेगेटिव शक्तियों से बचाता है। ये पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर होता है। जब ये हरा भरा और अच्छी हालत में दिखे तो घर में भी सुख और शांति रहती है। लेकिन यदि तुलसी का पौधा सूखने लगे तो ये बड़ी मुसीबत का संकेत है। इसका मतलब है घर में अशान्ति, दुख और तकलीफें दस्तक देने वाली हैं।

सूखी तुलसी का ये भी मतलब होता है कि घर की बरकत जाने वाली है। व्यर्थ में आपका धन खर्च होगा। क्योंकि तुलसी में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। लेकिन जब ये सूख जाती है तो लक्ष्मीजी चली जाती हैं। इससे घर में दरिद्रता आ जाती है। लड़ाई झगड़े भी परिवार में बढ़ जाते हैं। घर की पॉजिटिव एनर्जी खत्म होने लगती है। बुरी शक्तियां घर में पैर पसारने लगती है। मतलब एक के बाद एक कई दुख आते हैं।

तुलसी सूख जाए तो क्या करना चाहिए?

यदि घर की तुलसी सूख जाए तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। सूखी हुई तुलसी की पूजा पाठ नहीं करना चाहिए। वहाँ दीपक अगरबत्ती भी नहीं लगाना चाहिए। आप सूखी तुलसी को गमले से निकालकर उसकी जगह फिर से नई और हरी भरी तुलसी लगा दें। वहीं सूखी तुलसी को किसी बहते पानी जैसे नदी में ठंडी कर दे।

तुलसी के नियम

तुलसी को लेकर शास्त्रों में कई तरह के नियम कायदे बताए गए हैं। जैसे तुलसी की रोज सुबह और शाम पूजा करना चाहिए। उनके पास दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। हालांकि एकादशी और ग्रहण के दिन तुलसी की पूजा नहीं करना चाहिए। इस दिन उन्हें जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। इस दिन तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ना चाहिए। आप रविवार के दिन पानी की जगह दूध चढ़ा सकते हैं। वहीं तेल की जगह घी का दीपक रविवार को लगाया जा सकता है। इन नियमों से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होगी और आपके घर बरकत बनी रहेगी।

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