छाया ग्रह राहु-केतु का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर का भाव आ जाता है. आमतौर पर लोगों का मानना होता है कि ये ग्रह लोगों का केवल बुरा ही करते हैं, जबकि ऐसा नहीं है. राहु की बात करें तो यह ग्रह व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर फल देता है.
यदि पूर्व जन्म में व्यक्ति ने बुरे कर्म किए हैं तो इस जन्म में राहु उसकी कुंडली में अशुभ स्थिति में रहेगा. वहीं पिछले जन्म में अच्छे कर्म किए होंगे तो राहु किस्मत बदल देगा. इसलिए ज्योतिष शास्त्र में तमाम उपायों के साथ-साथ सबसे ज्यादा जोर अच्छे कर्म करने पर दिया जाता है. बता दें कि हाल ही में राहु ने गोचर किया है और मेष राशि में प्रवेश किया है.
हिंदू धर्म में अच्छे कर्म करने, पुण्यदायी काम करने पर बहुत जोर दिया गया है. इसमें जरूरतमंदों की मदद करना, दान करना, अच्छा आचरण करना शामिल है. ज्योतिष में भी इन अच्छे कर्मों को बहुत महत्व दिया गया है. खासतौर पर शनि, राहु-केतु तो ऐसे ग्रह हैं जिनका संबंध कर्मों से ही है. यही वजह है कि जिन लोगों की कुंडली में राहु शुभ स्थिति में होता है, उनकी किस्मत चमक जाती है. उसे कई मामलों में राहु का शुभ फल बहुत लाभ देता है.
- यदि कुंडली में राहु शुभ हो तो व्यक्ति स्वभाव से तेज होता है लेकिन उसका हृदय निर्मल होता है.
- राहु का शुभ असर व्यक्ति को तेज बुद्धि देता है.
- राहु के शुभ असर के कारण व्यक्ति का धर्म-कर्म में खूब मन लगता है. वह अध्यात्म के क्षेत्र में भी खूब तरक्की करता है.
- राहु का शुभ प्रभाव व्यक्ति को बेशुमार दौलत और मान-सम्मान दिलाता है. उसे अपने जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती.