आज 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण लगने वाला है. ग्रहण के कारण ही इस साल गोवर्धन पूजा 26 को और यम द्वितीया 27 को मनाई जाएगी. सूर्यग्रहण के दौरन भोजन नहीं करना चाहिए. धार्मिक पुराणों के अनुसार ऐसा मानते हैं कि जो व्यक्ति ग्रहणकाल के दौरान कुछ भी खाता है उसे पेट की समस्याओं से जूंझना पड़ता है.
क्यों नहीं करना चाहिए भोजन
हिंदू धर्म में ऐसा मानते हैं कि चाहे सूर्यग्रहण हो या फिर चंद्रग्रहण दोनों में भोजन नहीं करना चाहिए. अगर इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो यह सूर्यग्रहण के समय वातावरण में आने वाली Ultra Violet rays भोजन को खराब कर देती हैं. इसलिए पके हुए भोजन पर कुश डालने की सलाह दी जाती है.
क्यों करना चाहिए नहा कर भोजन
ग्रहण के बाद नहा कर भोजन करने को कहा जाता है. ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि ग्रहण के दौरान जो जीवाणु वातावरण में होते हैं वह आपके शरीर में चिपक जाते हैं. जब आप नहा लेते हैं तो वो जीवाणु आपके शरीर से निकल जाते हैं.
भोजन में कुश या तुलसी का पत्ता डालें
आपने हमेशा अपने दादी और नानी के मुंह से सुना होगा कि सूर्यग्रहण है कुछ मत खाओ. ग्रहण के समय भोजन, दही ,चटनी ,आचार आदि में कुश डाल दिया जाता है. लोग ऐसा मानते हैं कि ऐसा करने से खाना दूषित नहीं होता है. अगर आपके पास कुश नहीं है तो आप पके हुए भोजन में तुलसी का पत्ता भी डाल सकते हैं. जब ग्रहण खत्म हो जाए तो इसे निकाल कर बाहर फेंक दें.