घर में वास्तु दोष है या परिवार में किसी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी रहती है। परिवार में सुख शांति नहीं है या फिर दांपत्य जीवन में अनबन रहती है। ऐसी स्थिति में मां दुर्गा को समर्पित अष्टमी तिथि पर किए जाने वाले कुछ आसान से उपाय इन सभी परेशानियों को दूर कर सकते हैं। अष्टमी तिथि पर मां को प्रसन्न कर सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
- अष्टमी के दिन लाल रंग के वस्त्र धारण कर तांबे के पात्र से सूर्यदेव को अर्घ्य दें। मां गौरी का शृंगार करें। दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए अष्टमी तिथि पर पति-पत्नी साथ मिलकर मां का पूजन करें।
- मां की कृपा से समस्त भय दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। जिन भवनों में वास्तुदोष हो वहां देवी मां की पूजा करने से हर प्रकार का वास्तुदोष दूर हो जाता है। अष्टमी के दिन मां दुर्गा के लिए व्रत रखें और कन्या पूजन करें।
- मां लक्ष्मी को केसर या हल्दी में रंगे पीले चावल अर्पित करें। अष्टमी पर घर के मुख्य द्वार पर मां लक्ष्मी के पैरों के चिह्न लगाएं। पैरों की दिशा घर के अंदर की तरफ होनी चाहिए। आम और अशोक के पत्तों का बंदनवार घर के मुख्य दरवाजे पर लगाएं।
- घर के मंदिर में ध्वज स्थापित करें। इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं। अष्टमी के दिन मां का सच्चे मन में ध्यान करने से दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं।
- अष्टमी की रात अपने घर के मुख्य दरवाजे पर शुद्ध घी का दीपक जलाएं, ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अष्टमी पर शंख ध्वनि करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।