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Astrology / रत्न धारण करने से पहले इन नियमों का पालन करें, नहीं तो पछताना पड़ सकता हैं

रत्न धारण करने से पहले इन नियमों का पालन करें, नहीं तो पछताना पड़ सकता हैं
Mega Daily News August 12, 2022 10:53 AM IST

Rules For Gemology: ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। ज्योतिष कुंडली में ग्रहों की दशा देखने के बाद ही रत्न का निर्धारण करते हैं। रत्नों की बात करें, तो नौ ग्रहों के हिसाब से सूर्य के लिए माणिक, चन्द्र के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया है। इसके अलावा इन रत्नों के उपरत्न भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके साथ ही कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। क्योंकि ये रत्न शुभ के साथ-साथ अशुभ फल भी देते हैं। जानिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्न पहनते समय. किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

रत्न धारण करते समय न करें ये गलतियां

लंबे समय तक दूध में न डालें रत्न

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कई ऐसे रत्न होते है जो दूध को भी सोख लेते हैं। इसलिए जब आप रत्न पहनने वाले हो उसके कुछ समय पहले ही रत्न को दूध में डालें। कई लोग रातभर के लिए रत्न को दूध में छोड़ देते हैं। ऐसे में रत्न के अंदर दूध समा जाता है, जिससे रत्न विकृत हो जाता है।

इस दिन न धारण करें रत्न

रत्न धारण करने की भी एक तिथि होती है। इसी तरह रत्न को कभी भी माह की 4, 9 और 14 तारीख को न करें। इसके अलावा अमावस्या, ग्रहण और संक्रांति के दिन भी रत्न धारण नहीं करना चाहिए।

इस दिशा की ओर मुख करके धारण करें रत्न

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्न धारण करते समय व्यक्ति के मुख की दिशा भी सही होनी चाहिए। इसलिए रत्न को दोपहर से पहले धारण करना चाहिए और मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

किस नक्षत्र में रत्न धारण करना शुभ

मोती, मूंगा जो समुद्र से संबंधित रत्न है उन्हें रेवती, अश्विनी, हस्त, चित्रा, अनुराधा नक्षत्र पर धारण कर लें।

सुहागिन महिलाएं इस नक्षत्र में न धारण करें रत्न

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुहागिन महिलाएं रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य नक्षत्र में रत्न धारण न करें।

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