Breaking News
युवती ने शादी के वक्त पति से छुपाई ऐसी बात, पता चलते ही पैरों तले खिसकी जमीन, परिवार सदमे में Best Recharge Plans : Jio ने 84 दिन वाले प्लान से BSNL और Airtel के होश उड़ा दिए, करोड़ों यूजर्स की हो गई मौज Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना
Saturday, 19 April 2025

Astrology

क्या जानवरों में छठी इंद्री होती है जो आने वाले भूकंप को मशीनों से पहले पहचान लेती हैं

10 November 2022 12:50 AM Mega Daily News
भूकंप,जानवरों,जानवर,रिसर्च,मुकाबले,उत्तरी,हिस्से,लगाने,लेकिन,उन्हें,इंसानों,बेचैनी,मानना,क्षमता,ज्यादा,,animals,sixth,sense,detects,impending,earthquake,machines

भूकंप का पूर्व अनुमान लगाने का अभी तक कोई वैज्ञानिक माध्यम नहीं बना है, लेकिन कई बार यह माना जाता है जो काम मशीनें नहीं कर पाईं क्या वह काम जानवर कर सकते हैं. क्या जानवरों में कोई छठी इंद्री होती है जो भूकंप के आने का पता उन्हें इंसानों के मुकाबले और यहां तक कि मशीनों के मुकाबले भी पहले दे देती है.

ग्रेटर नोएडा में रहने वाले एक परिवार के लोग अपने पालतू जानवरों की बेचैनी और शोर से ही आधी रात 2 बजे उठ गए. उन्हें जानवरों को शांत करने और खुद भूकंप के समय सावधानी बरतने में अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

वेटनरी डॉक्टर रीटा गोयल का मानना है कि जिसे हम सिक्सथ सेंस मानते हैं वह असल में जानवरों की स्वाभाविक खूबी होती है. उनकी सुनने की क्षमता और महसूस करने की क्षमता इंसानों के मुकाबले कई गुना ज्यादा होती है इसीलिए वह आवाजों और उससे होने वाले कंपन को बहुत पहले पकड़ लेते हैं. इसी के साथ जानवर आमतौर पर जमीन से जुड़ा होता है. उसकी त्वचा धरती के संपर्क में होती है और उसकी सजा भी कंपन को बेहतर तरीके से दर्ज करती है. इसीलिए जानवरों में तेज आवाज पर भूकंप पर या फिर तेज हवाएं चलने पर बेचैनी बढ़ जाती है. 

इस बात का पता लगाने के लिए कुछ वर्षों पहले इटली के उत्तरी हिस्से में एक शोध किया गया. उत्तरी इटली के उस हिस्से में जो भूकंप के लिहाज से संवेदनशील था वहां गाय भेड़ और कुत्तों में सेंसर लगाए गए. उन सेंसर्स के रिजल्टस से ये पता चला कि यह जानवर भूकंप आने के कई घंटों पहले ही विचलित होने लगते हैं और तेज-तेज चलना और आवाज भी करना शुरू कर देते हैं. 

रिसर्च के लिए उत्तरी इटली के एक ऐसे हिस्से में जानवरों पर यह शोध किया, जो भूकंप प्रभावित क्षेत्र माना जाता था. उन्होंने छह गाय, पांच भेड़, और दो कुत्तों में  एक्सीलरोमीटर लगाया.  कई महीनों तक उनकी एक्टिविटी पर नजर रखी गई. रिसर्च के इन महीनों के दौरान तकरीबन 18000 भूकंप आए लेकिन उनमें से 12 भूकंप ऐसे थे जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 या उससे ज्यादा दर्ज की गई.  

रिसर्च में पाया गया कि कई बार जानवर भूकंप से 20 घंटे पहले से ही विचलित होने लगते हैं.इन जानवरों ने 28 किलोमीटर के दायरे तक में आने वाले भूकंप पर अपनी गतिविधियां तेज कर दी थी. शोध ने वालों का मानना था कि जानवर भूकंप के दौरान चट्टानों के हिलने से होने वाली आयोडाइजेशन को अपने फर के जरिए पकड़ लेते हैं. हालांकि किस गतिविधि का क्या मतलब निकाला जाए और कितने घंटे पहले उसे वार्निंग माना जाए इसके लिए बड़े पैमाने पर रिसर्च करने की जरूरत है.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News