भारतीय पुरुष वेटलिफ्टर अचिंता शुली ने मेन्स 73 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। 22वें कामनवेल्थ गेम्स में भारत का वेटलिफ्टिंग इवेंट में ये छठा मेडल रहा। इससे पहले मीराबाई चानू, संकेत, गुरुराज, बिंदिया और जेरेमी लालरिनुंगा ने भारत को मेडल दिलाया था। इसमें से मीराबाई और जेरेमी ने गोल्ड मेडल जीतने में सफलता हासिल की थी और इसके बाद अचिंता ने भी गोल्ड मेडल जीता। वेटलिफ्टिंग इवेंट में ये भारत का अब तक का तीसरा गोल्ड मेडल रहा।
अचिंता ने स्नैच राउंड के पहले ही प्रयास में 137 किलो भार को उठाने का प्रयास किया और इसमें सफल भी रहे। वहीं उन्होंने स्नैच राउंड के दूसरे प्रयास में 140 किलोग्राम भार को सफलतापूर्वक उठा लिया। तीसरे प्रयास में उन्होंने 3 किलोग्राम वजन और बढ़ा दिया और 143 किलो वजह उठाने में सफल रहे। स्नैच राउंड में गेम्स में नए रिकार्ड के साथ अचिंता पहले स्थान पर रहे।
स्नैच राउंड में सभी प्रतियोगियों में पहले स्थान पर रहने के बाद क्लीन एंड जर्क राउंड में उन्होंने पहले प्रयास में 166 किलो का वजन पूरे आत्मविश्वास के साथ उठाया। वहीं दूसरे प्रयास में अचिंता ने 170 किलो का वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन इसमें असफल रहे। वहीं तीसरे प्रयास में एक बार फिर से उन्होंने 170 किलो का वजन सफलता पूर्वक उठा लिया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने स्नैच राउंड में आखिरी प्रयास में 143 किलो और फिर क्लीन एंड जर्क राउंड के आखिरी प्रयास में 170 किलो का वजन उठाया और कुल 313 किलो वजन के साथ पहले स्थान पर रहे। दरअसल दोनों राउंड के आखिरी प्रयास को जोड़कर विजेता का फैसला किया जाता है।