बीते सोमवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर की सड़कों पर डॉक्टरों का बड़ा हुजूम नजर आया है। गहलोत सरकार के खिलाफ हजारों डॉक्टर, उनके परिवार के सदस्य और फार्मेसी मालिकों बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन कर रहे है।
बता दें कि डॉक्टरों का प्रदर्शन शहर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स हॉस्टल मैदान से शुरू हुई और शहर के महत्वपूर्ण स्थलों से होकर गुजरी। हड़ताल की वजह से कई निजी और सरकारी अस्पताल बंद रहे है। जिस वजह से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Doctors from the Govt and Private sectors from all districts of Rajasthan gathered in Jaipur to protest the bill. Over 50000 medical and paramedical personnel attended the rally.
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg)
आईए जानते है आखिर डॉक्टर्स क्यों रहे है विरोध?
दरअसल, कुछ दिन पहले ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने विधानसभा में राइट टू हेल्थ यानी स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक को पास कर दिया। जिसमें कहा गया है कि राज्य के प्रत्येक निवासी को किसी भी हॉस्पिटल में बिना पूर्व भुगतान के एमरजेंसी इलाज का अधिकार होगा। इस बिल को वापस लेने के लिए डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं। डॉक्टर बिल के इसलिए खिलाफ हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे उनके कामकाज में नौकरशाही का दखल बढ़ेगा। यही वजह है कि डॉक्टरों ने अपनी मांग को लेकर विशाल रैली निकाली।
क्या कह रही सरकार?
आंदोलनकारी डॉक्टरों को शांत करने के लिए राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को निजी अस्पतालों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को आश्वासन दिया गया है कि बिल के संबंध में उनके सुझावों पर चर्चा की जाएगी। लेकिन डॉक्टरों ने स्वास्थ्य के अधिकार बिल को वापस लेने की मांग की है और कहा है कि बिल वापस लेने पर ही कोई चर्चा संभव होगी।