अजमेर की प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह चर्चाओं में बनी हुई है. इस दरगाह के खादिम लगातार भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. पहले यहां के एक खादिम में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के सिर कलम करने की बात कही और ऐसा करने वाले को अपना मकान देने का ऐलान किया था.
दरगाह का एक खादिम सलमान चिश्ती नूपुर शर्मा को धमकी देने के बाद डरके मारे भाग गया था. हालांकि जल्द ही उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल वो पुलिस हिरासत में है. वहीं इसके बाद अजमेर दरगाह के अन्य खादिमों की ओर से हिंदू पर नफरत भरे और भड़काऊ भाषण दिए गए. इसका नतीजा यह रहा कि सूफी दरगाह में आगंतुकों की संख्या में भारी गिरावट आ गई.
अजमेर दरगाह पर बहुत कम संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. वहीं आस-पास की होटलों और दुकानों की कमाई भी बेहद कम हो गई है. गौरतलब है कि दरगाह से संबंध रखने वाले कुछ खादिमों के तार उदयपुर हत्याकांड के हत्यारों गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज से भी जुड़े हुए है. ऐसे में लोगों के बीच इस दरगाह के खादिमों को लेकर भारी नाराजगी और आक्रोश व्याप्त है.
बताया जा रहा है कि हाल ही में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज पर भी लोगों की भीड़ नहीं उमड़ी. जबकि इससे पहले हर शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग इस दौरान शामिल होते थे. टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि, ”कई होटलों ने बुकिंग रद्द कर दी, जबकि परिवहन कंपनियां और स्थानीय भोजनालय अपने सामान्य व्यवसाय का केवल 10% ही उत्पन्न कर सके”. वहीं ‘सोहन हलवा’ के लिए प्रसिद्ध ‘ख्वाजा गरीब नवाज स्वीट्स’ के मालिक शदभ सिद्दीकी ने कहा कि कमाई 90% घट गई है.
गौरतलब है कि अजमेर की ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मुस्लिमों के साथ ही हिंदू भी जाते थे हालांकि वहां से खादिमों द्वारा हिन्दुओं के खिलाफ भड़काऊ और नफरत भरी बयानबाजी के बाद हिंदूओं ने यहां आना स्वीकार नहीं किया. स्थानीय जन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स के मालिक रियाज खान ने बताया कि नफरत भरे भाषणों ने दर्शकों की भीड़ को प्रभावित किया है.
बता दें कि दरगाह कमिटी के सचिव सरवर चिश्ती ने भी हिन्दुओं पर विवादित बयान दिया था. सरवर चिश्ती ने हिंदूओं की कमाई खत्म करने और भारत को हिला देने की धमकी दी थी लेकिन अब उसका यह बयान उस पर और दरगाह पर ही भरी पड़ गया.