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Election News / बीजेपी के गढ़ में लगी सेंध नितिन गडकरी और फडणवीस की प्रतिष्ठा लगी दांव पर

बीजेपी के गढ़ में लगी सेंध नितिन गडकरी और फडणवीस की प्रतिष्ठा लगी दांव पर
Mega Daily News February 03, 2023 01:50 AM IST

महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार ज्ञानेश्वर म्हात्रे को कोंकण मंडल शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विजयी घोषित किया गया. नागपुर मंडल शिक्षक सीट पर बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के हाथों हार का सामना करना पड़ा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि एमवीए समर्थित उम्मीदवार सुधाकर अडबले ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नागोराव गनार को हराकर नागपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी गनार इस सीट से मौजूदा एमएलसी हैं.

फडणवीस और गडकरी का है गृह जिला

नागपुर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का गृह जिला है. तीन अन्य सीट औरंगाबाद, मंडल शिक्षाक निर्वाचन क्षेत्र, अमरावती और नासिक मंडल स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतगणना जारी है. विधानमंडल के उच्च सदन की सभी पांच सीट के लिए मतदान 30 जनवरी को हुआ और मतगणना गुरुवार सुबह शुरू हुई.

बीजेपी उम्मीदवार म्हात्रे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली पार्टी बालासाहेबांची शिवसेना का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने कोंकण सीट पर एमवीए समर्थित उम्मीदवार बलराम पाटिल को हरा दिया. कोंकण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के परिणामों की घोषणा करने वाले रिटर्निंग ऑफिसर और डिवीजनल कमिश्नर महेंद्र कल्याणकर ने कहा कि म्हात्रे को 20,683 वोट मिले, जबकि पाटिल को 10,997 वोट मिले.

ज्ञानेश्वर म्हात्रे ने कहा कि मतदाताओं और भाजपा-बालासाहेबंची शिवसेना नेताओं को उनकी जीत को संभव बनाने के लिए उनके सभी प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और शिक्षकों के लिए काम करने का वादा किया.  वहीं पीडब्ल्यूपी-एमवीए उम्मीदवार पाटिल ने कहा कि हालांकि, लोगों की पसंद मुझे पूरी तरह से स्वीकार्य है और मैं म्हात्रे को उनकी जीत के लिए बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि वह पहले की तरह शिक्षण समुदाय के लिए काम करना जारी रखेंगे.

औरंगाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उम्मीदवार विक्रम काले पहले दौर की मतगणना के बाद आगे चल रहे हैं. पांच परिषद सदस्यों का छह साल का कार्यकाल (शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से तीन और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से दो) सात फरवरी को समाप्त हो रहा है.

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