Breaking News
युवती ने शादी के वक्त पति से छुपाई ऐसी बात, पता चलते ही पैरों तले खिसकी जमीन, परिवार सदमे में Best Recharge Plans : Jio ने 84 दिन वाले प्लान से BSNL और Airtel के होश उड़ा दिए, करोड़ों यूजर्स की हो गई मौज Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना
Sunday, 16 March 2025

Religious

आज के इस दुर्लभ संयोग पर होगी आपकी हर मुराद पूरी

12 May 2022 09:51 AM Mega Daily News
एकादशी,विष्णु,चाहिए,मोहिनी,भगवान,करें,हिंदू,मुहूर्त,तारीखों,विशेष,महत्व,कार्य,अलावा,तुलसी,अर्पित,every,wish,fulfilled,rare,coincidence,today

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने के लिए पहले देखा जाता है. बिना शुभ मुहूर्त के कोई भी नया काम नहीं किया जाता. मुहूर्तों के साथ ही कुछ तारीखों को भी विशेष महत्व दिया गया है.  जानकारों की मानें को कुछ तारीखें ऐसी भी होती हैं जिन पर मांगलिक कार्य करने के लिए मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं होती है. 

क्यों खास है 12 मई? 

ऐसी ही कुछ तारीखों में 12 मई भी है. इस बार 12 मई को मोहिनी एकादशी है. इसके अलावा कई विशेष योग भी इस दिन बन रहे हैं. 12 मई को तीन प्रमुख ग्रह अपनी-अपनी राशि में रहेंगे. साथ ही शुभ हर्षण योग का निर्माण होगा. इसके अलावा 12 मई को चंद्रमा स्वराशि कन्या में रहेगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन कोई भी शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है. 

मोहिनी एकादशी का खास महत्व

हिंदू शास्त्र के अनुसार मोहिनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की साधना करते हुए इस व्रत को रखना चाहिए. व्रत रखने से शख्स को वर्षों की तपस्या का पुण्य प्राप्त होता है. एकादशी के दिन व्रती को एक बार दशमी तिथि को सात्विक भोजन करना चाहिए. एकादशी के दिन सूर्योदय काल में स्नान करके व्रत का संकल्प लेकर षोडषोपचार सहित श्री विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर भगवद् कथा का पाठ करना चाहिए. 

धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय 

12 मई को तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं. पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें. पीले फल, वस्त्र, फल, फूल मंदिर में जाकर श्रीहरि को अर्पित करें. इसके बाद खीर में तुलसी का पत्ता डालकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएं और भगवान विष्णु का गंगाजल और केसर दूध से अभिषेक करें.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News