Breaking News
Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना गूगल का बड़ा एक्शन, हटाए 1.2 करोड़ अकाउंट, फर्जी विज्ञापन दिखाने वाले इन लोगो पर गिरी गाज Business Ideas : फूलों का बिजनेस कर गरीब किसान कमा सकते है लाखों रुपए, जानें तरीका
Saturday, 27 July 2024

Religious

शनि देव के कुंभ राशि में किया प्रवेश के साथ ही इन राशि वालों को मिलेगी ढैय्या से मुक्ति

01 May 2022 03:49 PM Mega Daily News
ढैय्या,ज्योतिष,प्रवेश,मुक्ति,वालों,वैदिक,शास्त्र,राशियों,जाएगी,वक्री,अनुसार,प्रभाव,अप्रैल,परिवर्तन,मिथुन,,entry,shani,dev,aquarius,zodiac,signs,get,freedom,dhaiya

Shani Planet Gochar: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है, तो उसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। आपको बता दें कर्मफल दाता शनि देव ने 29 अप्रैल को अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश कर लिया है। शनि देव जब भी राशि परिवर्तन करते हैं, तो कुछ राशियों पर ढैय्या का प्रभाव खत्म होता है, तो किसी पर शुरू होता है। आइए जानते हैं शनि ग्रह के राशि परिवर्तन करते ही किन 2 राशियों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।

इन राशि वालों को मिली शनि ढैय्या से मुक्ति:

 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह ने 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में गोचर किया है। आपको बता दें कि शनि देव ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया है। इस राशि में शनि के प्रवेश करते ही मिथुन और तुला राशि के लोगों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल गई है। साथ ही इन राशि वालों के तरक्की से नए रास्ते खुलेंगे और इनका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। साथ ही पुराने रोग से मुक्ति मिलेगी। भाग्य का साथ मिलेगा और बिजनेस में कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है। नई नौकरी लग सकती है। साथ ही अगर नौकरी कर रहे हैं तो इंक्रीमेंट और अप्रेजल हो सकता है। साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। गुप्त शत्रुओं पर विजय मिलेगी। प्रतियोगी छात्रों को भी भाग्य का साथ मिलेगा। मतलब वो किसी परीक्षा में सफल हो सकते हैं।

शनि देव जुलाई में चलेंगे वक्री चाल:

वहीं शनि ग्रह के गोचर करते ही कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। साथ ही 5 जून को शनि वक्री चाल से चलेंगे और वक्री अवस्था में 12 जुलाई से अपनी पिछली राशि मकर में फिर से प्रवेश करेंगे। इस राशि में शनि ग्रह के दोबारा गोचर से मिथुन और तुला जातक फिर से शनि की ढैय्या की चपेट में आ जायेंगे। वहीं इस दौरान कर्क और वृश्चिक वालों को कुछ समय के लिए शनि की दशा से मुक्ति मिल जाएगी। 

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्व:

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि ग्रह तुला राशि में उच्च के होते हैं तो मेष इनकी नीच राशि है। 27 नक्षत्रों में इन्हें पुष्य, अनुराधा, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। मतलब ये इन राशियों के स्वामी कहलाते हैं। साथ ही बुध और शुक्र के साथ शनि देव का मित्रता का भाव है और सूर्य, चंद्रमा और मंगल शत्रु ग्रह माने जाते हैं। शनि के गोचर काल की अवधि लगभग 30 महीने की होती है। साथ ही शनि की महादशा 19 वर्ष की होती है। अगर कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में हैं, तो व्यक्ति जीवन में स्वास्थ्य को लेकर कभी परेशान नहीं रहता। साथ ही उसके सारे काम बनते चले जाते हैं।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News