हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान कपूर का प्रयोग खास महत्व रखता है. सनातन धर्म में कपूर को पवित्र माना गया है. कपूर का इस्तेमाल आरती और हवन में किया जाता है. वैदिक ज्योतिष में कपूर के कई उपायों के बारे में भी बताया गया है. इन उपायों को करने से व्यक्ति को ग्रह दोष, वास्तु दोष और कालसर्प योग जैसे कई दोषों से मुक्ति तो मिलती ही है. साथ ही, इसके कई लाभ भी हैं. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में.
1. ज्योतिषीयों का मानना है कि घर में सुबह-शाम कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है. घर में उपस्थित नकारात्मक शक्तियों को दूर करने में भी कपूर सहायक है. इससे सकारात्मकता का संचार होता है और घर परिवार में सुख-शांति आती है.
2. घर के किसी भी कोने या फिर किसी जगह पर वास्तु दोष होने पर उसे दोष मुक्त करने के लिए भी कपूर का इस्तेमाल किया जाता है. एक कटोरी में कुछ कपूर के टुकड़े रखने के बाद उसे दोष वाले स्थान पर रख दें. कुछ दिन में कपूर के टुकड़े खत्म होने पर उसमें नए कपूर के टुकड़े रख दें. ऐसा करने से धीरे-धीरे वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं.
3. कई बार व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष या फिर कालसर्प दोष होने पर उसकी उन्नति रुक जाती है. बता दें कि व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष राहु और केतु ग्रह के कारण होता है. इन दोषों से मुक्ति पाने के लिए दिन में तीन बार सुबह, शाम और रात के समय कपूर जलाएं.
4. शनि दोष दूर करने के लिए शनिवार के दिन नहाने के पानी में कपूर और चमेली के तेल की कुछ बूंदे डालकर स्नान करें. ऐसा करने से शनि दोष दूर होगा. साथ ही, राहु-केतु भी परेशान नहीं करेंगे.
5. पति-पत्नी के बीच संबंधों में मिठास न होने पर या फिर अनबन रहने पर शयनकक्ष में कपूर रखने की सलाह दी जाती है. इससे पति-पत्नी के बीच रिश्ते मधुर होने लगते हैं.
6. सोते समय अगर बुरे सपने आते हैं या फिर डर जाते हैं, तो शयनकक्ष में कपूर जलाएं. ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं.