भारतीय संस्कृति में समय-समय पर घरों मे हवन-पूजन कराया जाना सामान्य बात है. पूजन के बाद अक्सर कई सामग्री बच जाती हैं. ऐसे में कई लोग उसे पानी में बहा देते हैं. लेकिन क्या हम इस सामग्री को दूसरी जगह इस्तेमाल नहीं कर सकते. जिससे हमें माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो और हमारा घर सुख-समृद्धि से फले-फूले. आइए जानते हैं कि पूजा की बची हुई सामग्री का हम दूसरी जगह कहां इस्तेमाल कर सकते हैं.
सबसे पहले बात करते हैं पूजा में इस्तेमाल होने वाले पान और सुपारी की. घर में पूजन शुरू होन होने पर पान पर स्वास्तिक बनाकर उस पर गोल सुपारी रखते हैं. इसके बाद उसे जनेऊ पहनाकर गणेश जी की स्थापना करते हैं. पूजन के बाद अगर यह सामग्री बच जाए तो पान और सुपारी किसी लाल कपड़े में बांध लें. इसके बाद उसे अलमारी में सुरक्षित रख दें. ऐसा करने से घर में धन-दौलत की आवक बनी रहती है.
पूजा या हवन की सामग्री में नारियल का होना अनिवार्य तत्व है. यह नारियल सूखा या गीला कैसा भी हो सकता है. पूजन संपन्न होने के बाद इस नारियल को व्यर्थ छोड़ने के बजाय उसे फोड़ लें और फिर प्रसाद के रूप में सब लोगों को बांट दें. अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो फिर उस पर घी डालकर हवन में होम कर दें.
घर में होने वाले विशेष पूजन या हवन में कुमकुम भी अनिवार्य सामग्री होती है. पूजा खत्म होने के बाद काफी कुमकुम बचा रह जाता है. इस बचे हुए कुमकुम को फेंकने के बजाय किसी डिब्बी में डालकर सुरक्षित रख लें. इसके बाद सुहागन महिलाएं इस बचे हुए कुमकुम को अपनी मांग में लगाएं. माना जाता है कि ऐसा करने से पति की आयु लंबी होती है. घर में आने वाली नई चीजों पर इसी कुमकुम से तिलक करना न भूलें.
पूजा में फूल और हार भी जरूर चढ़ाए जाते हैं. हवन-पूजन के बाद इन फूलों को आप विसर्जित करने के बजाय घर के मेन गेट पर लगा लें. जब वे फूल और हार पूरी तरह मुरझा जाएं तो उसकी सूखी पत्तियों को हाथ से मसलकर बगीचे या गमलों में डाल दें. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और पौधों को भी ऑर्गेनिक खाद मिल जाएगी.
हवन-पूजन के बाद बची हुई मौली को हम लोग आम तौर पर फेंकने से परहेज करते हैं और उसे सुरक्षित तरीके से पूजाघर में रख लेते हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि पूजाघर में रखने के बजाय आप उस बची हुई मौली को दुकान की तिजोरी या घर की अलमारी पर पर बांध दें. इससे मां लक्ष्मी हमेशा आप पर मेहरबान बनी रहेंगी और परिवार में सुख-समृद्धि का संचार होगा.