तुलसी (Tulsi) के पौधे को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जातक पर अपनी कृपा बरसाती हैं. हालांकि कुछ खास दिन ऐसे भी होते हैं, जिस दिन तुलसी पर जल चढ़ाने की मनाही होती है. ऐसा करने से आपको शुभ लाभ के बजाय हानि हो सकती है. आज हम आपको बताते हैं कि वे खास दिन कौन से हैं, जब तुलसी पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
सनातन धर्म में बताया गया है कि प्रत्यके रविवार, एकादशी, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण वाले दिन भूलकर भी तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से दोष लगता है. यहीं नहीं शाम ढलने के बाद तुलसी के पत्तों को तोड़ने की भी मनाही है.
मान्यता है कि घर में कभी भी सूखा हुआ तुलसी (Tulsi) का पौधा नहीं रखना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है और घर पर कई परेशानियां आती हैं. इसलिए अगर कभी तुलसी का पौधा सूख जाए सम्मान के साथ उन्हें किसी नदी या नहर में प्रवाहित कर देना चाहिए. साथ ही उस सूखे पौधे की जगह तुलसी का नया पौधा लगाना चाहिए.
ऐसा कहा जाता है कि तुलसी (Tulsi) को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए. ऐसा करने से तुलसी अशुभ फल देती है और जीवन में कई विपत्तियां आ जाती हैं. यही नहीं, घर में कभी भी जमीन पर तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए. तुलसी का पौधा हमेशा गमले में ही लगाना चाहिए. उसे रखने के लिए उत्तर की दिशा सर्वोत्तम मानी जाती है.
सनातन धर्म में कहा गया है कि अगर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना है तो रविवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी सभी दिन शाम को तुलसी (Tulsi) पर घी का दीपक जलाएं. साथ ही गुरुवार को तुलसी के पौधे में कच्चा दूध डालें.