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Thursday, 10 October 2024

Religious

बड़े सख्त नियम हैं शिवलिंग पर जल चढ़ाने के, इन नियमों का पालन करें शिव होंगे प्रसन्न

02 January 2023 08:28 AM Mega Daily News
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हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के नियम बताए गए हैं. इनका पालन करने से प्रभु प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूर्ण करते हैं. आज नए साल का पहला सोमवार है. रविवार को देश भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. लिहाजा आज भी उम्मीद है कि भक्तों का मंदिरों में तांता नजर आएगा. 

सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है. लेकिन इसके भी नियम हैं, जिनका पालन नहीं करने पर भोलेनाथ नाराज हो जाते हैं. क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए कौन सा बर्तन इस्तेमाल होता है. जल चढ़ाते हुए किस दिशा में मुंह होना चाहिए और क्या मंत्र बोलना चाहिए. अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं.

इस दिशा में रखें मुंह

भगवान शिव को जल चढ़ाते वक्त आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर कभी नहीं होना चाहिए. इस दिशा को भगवान शिव का प्रवेश द्वार माना जाता है. इसलिए इस दिशा की ओर मुंह करके जल चढ़ाने से भगवान शिव के द्वार में रुकावट पैदा होती है और वह नाराज हो जाते हैं. शिवलिंग पर जल चढ़ाते वक्त आपका मुख उत्तर दिखा की ओर होना चाहिए. इस दिशा को भगवान शिव का बायां अंग कहा गया है, जो माता पार्वती को समर्पित है. इस दिशा में मुंह करके जल देने से माता पार्वती और भगवान शिव दोनों की कृपा प्राप्त होती है. 

किस बर्तन का करें इस्तेमाल?

भगवान शिव को हमेशा कलश से ही जल अर्पित करें. भगवान शिव पर जल चढ़ाने के लिए तांबे का कलश सबसे अच्छा माना जाता है. आप चांदी या कांसे के लोटे से भी जलाभिषेक कर सकते हैं. भगवान शिव पर जल चढ़ाने के लिए स्टील का बर्तन इस्तेमाल न करें. वहीं तांबे के कलश में दूध से जल अर्पित न करें. ऐसा करना अशुभ होता है. 

बैठकर जल चढ़ाएं

शिवलिंग पर हमेशा बैठकर जल चढ़ाएं. इतना ही नहीं, रुद्राभिषेक करते वक्त भी खड़े न रहें. पुराणों में कहा गया है कि अगर आप खड़े होकर जल चढ़ाते हैं तो वह भगवान शिव को समर्पित नहीं होता और ना ही उसका लाभ मिलता है. 

दाएं हाथ से करें जलाभिषेक

शिवलिंग पर जल हमेशा दाएं हाथ से ही चढ़ाएं और बाएं हाथ को दाएं हाथ से स्पर्श करें. जल चढ़ाते वक्त जल की धारा पतली बहकर आए, इसलिए धीरे-धीरे भगवान को जल चढ़ाना चाहिए. साथ ही ओम नम: शिवाय का जाप करें.

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