जब भी व्यक्ति किसी मुसीबत में फंसता है, सबसे पहले भगवान को याद करता है. बुरे वक्त में वो हर धार्मिक स्थल पर माथा टेकता है और भगवान से सब कुछ ठीक करने की प्रार्थना करता है. ऐसा नहीं है कि लोग अच्छे वक्त में मंदिर नहीं जाते हैं. लेकिन जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा हो या बुरा, इससे इतर जाकर रोज मंदिर जाने की कोशिश करना चाहिए. यदि रोज मंदिर न जा सकें तो कम से कम हफ्ते में एक बार मंदिर जरूर जाना चाहिए क्योंकि मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करने के ढेरों फायदे हैं.
- मंदिर जाने से व्यक्ति की सोच सकारात्मक होती है. इससे उसे अपनी रोजमर्रा की समस्याओं से निपटने में आसानी होती है. इसके अलावा भगवान के प्रति विश्वास उसका खुद पर भी विश्वास बढ़ाता है और इसी की दम पर वह बड़ी से बड़ी चुनौती को पार कर जाता है. इसी विश्वास के दम पर वह बड़े सपने देखता है और उन्हें पूरा करता है.
- मंदिर जाने से व्यक्ति के मन में यह विचार आता है कि भगवान उसे देख रहे हैं. इस कारण वह गलत काम करने से बचता है. इससे वह अच्छा आचरण करता है और कई मुसीबतों से अपनेआप बच जाता है.
- रोज मंदिर जाकर देवी-देवताओं की आराधना करने से उनकी कृपा होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. भगवान के आशीर्वाद से हर काम में सफलता मिलती है.
- यदि व्यक्ति अनजाने में या जान-बूझकर कोई गलती कर भी दे तो भगवान के सामने आते ही वह अपने गुनाहों की माफी मांगता है. यह प्रायश्चित की भावना व्यक्ति के मन को हल्का करती है और उसे आगे ऐसे अपराध न करने की सीख मिलती है.
- मंदिरों का निर्माण सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाली जगहों पर किया जाता था. साथ ही मंदिरों का वास्तु और डिजाइन ऐसे होते हैं जो वहां की सकारात्कता को बढ़ाते हैं. इसके अलावा मंदिरों में होने वाला मंत्रोच्चार, पूजा-पाठ, घंटियों-शंख की आवाज पूरे माहौल में सकारात्मक का संचार करते हैं. विज्ञान भी मानता है कि शंख और घंटी की आवाज दिल-दिमाग पर अच्छा असर डालती हैं.