भोजन का सीधा संबंध हमारी सेहत से होता है लेकिन इसके अलावा भी भोजन से मिली ऊर्जा हर पर बड़ा असर असर डालती है. इसलिए वास्तु शास्त्र में भोजन पकाने से लेकर, भोजन करने की दिशा और तरीके पर भी बड़ा जोर दिया गया है. वास्तु शास्त्र के इन नियमों का जरूर पालन करना चाहिए. वरना सेहत से लेकर आर्थिक स्थिति तक पर बुरा असर पड़ता है.
भोजन करते समय हमेशा दिशा का ध्यान रखें. गलत दिशा की ओर मुंह करके भोजन करना बड़ा नुकसान करा सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना सबसे अच्छा होता है. ऐसा करने से सेहत संबंधी समस्याएं दूर होती है. व्यक्ति दीर्घायु होता है. उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति धनवान बनता है. जबकि पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से बीमारियां दूर होती हैं. व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. लेकिन हमेशा याद रखें कि दक्षिण दिशा की ओर मुख करके कभी भी भोजन न करें. यह यम की दिशा होती है और ऐसा करने से व्यक्ति बीमारियों का शिकार होता है, साथ ही उसकी उम्र कम होती है.
भोजन करते समय सही दिशा की मुख करने के साथ-साथ कुछ अन्य बातों का भी ख्याल रखें. भोजन बनाते समय हमेशा पहली रोटी गाय के लिए निकालें. ऐसा भोजन न करें जिसमें बाल गिर गया हो या किसी का पैर लग गया हो. ऐसा भोजन दूषित होता है और नकारात्मक ऊर्जा देता है. इससे व्यक्ति बीमारी और पैसों की तंगी का शिकार होता है. हमेशा ताजा और पोषक भोजन करें. भोजन करते समय कोशिश करें कि मन में गलत विचार न आएं.